
नई दिल्ली। सोमवार, 23 सितंबर को आतिशी ने दिल्ली सचिवालय पहुंचकर दिल्ली की मुख्यमंत्री का पदभार संभाल लिया। मुख्यमंत्री कार्यालय में उनके लिए दो कुर्सियां लगाई गईं, जिनमें से एक खाली और बड़ी कुर्सी थी। पदभार ग्रहण करने के बाद आतिशी ने स्पष्ट रूप से कहा कि यह कुर्सी अरविंद केजरीवाल के लिए सुरक्षित है, और चार महीने बाद वही इस पर बैठेंगे। मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी ने अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए कहा, “जिस प्रकार भरत जी ने भगवान श्रीराम के खड़ाऊं रखकर अयोध्या का शासन चलाया था, वैसे ही मैं अगले चार महीनों तक इस कुर्सी की जिम्मेदारी निभाऊंगी। मेरे मन की वही व्यथा है, जैसी भरत जी को भगवान राम के वनवास जाने पर हुई थी।”
Taking charge as the Chief Minister of Delhi. LIVE https://t.co/AvLpC8u1f6
— Atishi (@AtishiAAP) September 23, 2024
केजरीवाल ने राजनीति में कायम की नैतिकता की मिसाल
आतिशी ने अरविंद केजरीवाल की ईमानदारी और उनके संघर्षों की सराहना करते हुए कहा, “भगवान श्रीराम ने अपने पिता के दिए वचन को निभाने के लिए 14 साल का वनवास स्वीकार किया था, और इसी कारण उन्हें मर्यादा पुरुषोत्तम कहा जाता है। उसी प्रकार अरविंद केजरीवाल जी ने राजनीति में मर्यादा और नैतिकता की एक मिसाल कायम की है।” उन्होंने आगे कहा, “पिछले दो वर्षों में भाजपा ने अरविंद केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाए और उन्हें गिरफ्तार किया गया। वह पांच महीने से अधिक समय जेल में रहे, लेकिन उनके चरित्र और ईमानदारी को कोई ठेस नहीं पहुंचा सका।”
आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की ज़िम्मेदारी सँभाली है। आज मेरे मन में वो ही व्यथा है जो भरत के मन में थी जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे, और भरत जी को अयोध्या का शासन सँभालना पड़ा था। जैसे भरत ने 14 साल भगवान श्री राम की खड़ाऊँ रख कर अयोध्या का शासन… pic.twitter.com/OkNEgtYIq4
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आतिशी ने बताया कि जब सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को जमानत दी, तो उन्होंने मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठने से इनकार कर दिया। “अगर कोई और नेता होता, तो जमानत मिलते ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाता, लेकिन अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जब तक दिल्ली की जनता उनके प्रति फिर से भरोसा नहीं जताती, वह इस कुर्सी पर नहीं बैठेंगे,” आतिशी ने कहा।
कैबिनेट बैठक में अहम फैसलों की उम्मीद
दो दिन पहले आतिशी ने अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। सोमवार को सचिवालय पहुंचने के बाद उन्होंने तुरंत कामकाज संभाल लिया। खबर है कि वह दिल्ली कैबिनेट की बैठक बुलाकर कुछ महत्वपूर्ण फैसले लेने वाली हैं। इसके अलावा, यह भी जानकारी मिली है कि दिल्ली विधानसभा का सत्र 26 और 27 सितंबर को आयोजित किया जाएगा।