नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने उन सोशल मीडिया पोस्टों को हटाने का आदेश दिया, जिनमें आरोप लगाया गया था कि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला की बेटी अंजलि बिरला ने अपने पिता के प्रभाव के कारण अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। अंजलि बिरला भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) अधिकारी हैं। अंजलि 2019 में यूपीएससी परीक्षा में शामिल हुईं और अप्रैल 2021 में आयोग में शामिल हुईं। अंजलि बिरला ने दिल्ली हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाते हुए मानहानि का केस दर्ज कराया था। अंजलि ने मांग की थी कि सोशल मीडिया पर उनके बारे में की गई पोस्टस को हटाया जाए।
Delhi High Court orders removal of social media posts alleging that Lok Sabha Speaker Om Birla’s daughter Anjali Birla cleared UPSC exams on her very first attempt because of her father’s influence.@ombirlakota #AnjaliBirla #Defamation pic.twitter.com/InVjUD6cOs
— Bar and Bench (@barandbench) July 23, 2024
अंजलि ने कहा कि सोशल मीडिया पर किए जा रहे दावे मानहानिकारक और झूठे हैं। अंजलि ने कई सोशल मीडिया एकाउंट का ब्योरा भी कोर्ट में दिया जहां उनके लिए इस तरह के आपत्तिजनक कमेंट किए गए थे। इन एकाउंट में मशहूर यूट्यूबर ध्रुव राठी का पैरोडी एकाउंट भी शामिल है। दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस नवीन चावला ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स और गूगल को 24 घंटे में अंजलि बिरला से जुड़ी ऐसी पोस्ट्स हटाने का निर्देश दिया है। आपको बता दें कि नीट यूजी परीक्षा 2024 को लेकर शुरू हुए विवाद के बाद ही अंजलि बिरला के खिलाफ सोशल मीडिया पर इस तरह की पोस्ट वायरल हो गई।
अंजलि बिड़ला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव नायर ने कोर्ट में पक्ष रखते हुए कहा कि इसी तरह के आरोप वर्ष 2021 में सामने आए थे। वकील ने कहा कि अंजलि की निजी तस्वीरें यह कहते हुए ऑनलाइन पोस्ट की जा रही हैं कि वह एक मॉडल हैं। अपने पिता के प्रभाव के चलते उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी परीक्षा पास कर ली। अंजलि बिड़ला ने दावों कहा कि उन्हें तथा उनके पिता को बदनाम करने के मकसद से ये सोशल मीडिया हैंडल पूर्व नियोजित साजिश के तहत संचालित किए जा रहे थे।