
नई दिल्ली। तुर्की की कंपनी सेलेबी को दिल्ली हाईकोर्ट से जोर का झटका लगा है। दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को सेलेबी की याचिका खारिज कर दी। तुर्की की कंपनी सेलेबी ने नागरिक विमानन सुरक्षा ब्यूरो यानी बीसीएएस की तरफ से उसकी सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दी थी। इस याचिका पर जस्टिस सचिन दत्ता ने सुनवाई की और 23 मई को फैसला सुरक्षित किया था। बीसीएएस ने सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी 15 मई 2025 को रद्द की थी। सेलेबी को नवंबर 2022 में एयरपोर्ट पर कार्गो ऑपरेशन के लिए सुरक्षा मंजूरी मिली थी।
सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द किए जाने से पहले ऑपरेशन सिंदूर के दौरान तुर्की ने भारत के खिलाफ पाकिस्तान की सैन्य मदद की थी। सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने के आदेश में बीसीएएस ने कहा था कि सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को मिली सुरक्षा मंजूरी राष्ट्रीय सुरक्षा के हित में तुरंत प्रभाव से रद्द की जाती है। सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड और सेलेबी दिल्ली कार्गो टर्मिनल मैनेजमेंट इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में तर्क दिया था कि केंद्र सरकार का कदम न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ और विमान सुरक्षा नियमों की प्रक्रिया का उल्लंघन है। सेलेबी के वकील ने कोर्ट में कहा था कि सुरक्षा मंजूरी रद्द करने से पहले कंपनी को सुनवाई का मौका देना और कार्रवाई की वजह बताना चाहिए था।
वहीं, बीसीएएस के वकील ने दिल्ली हाईकोर्ट में कहा कि सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का केंद्र सरकार का कदम विमानन सुरक्षा के प्रति खतरे से बचाव के लिए उठाया गया। पहले 19 मई को केंद्र सरकार ने कहा था कि सेलेबी की सुरक्षा मंजूरी रद्द करने का फैसला इसलिए लिया गया, क्योंकि कुछ ऐसे इनपुट मिले कि याचिकाकर्ता की सेवा जारी रखना मौजूदा हालात में खतरनाक होगा। सेलेबी को भारत के 9 एयरपोर्ट पर कार्गो संबंधी सेवा देने के लिए सुरक्षा मंजूरी मिली थी। तुर्की की कंपनी सेलेबी पिछले 5 साल से भारत के एयरपोर्ट्स पर काम कर रही थी। दिल्ली हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद अब सेलेबी के पास सुप्रीम कोर्ट में दस्तक देने का रास्ता बचा है।