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Delhi High Court On MCD: ‘तो एमसीडी को बंद करने का आदेश देंगे’, इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट की सख्त चेतावनी, नगर निगम में है आम आदमी पार्टी की सत्ता

Delhi High Court On MCD: कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एमसीडी के वकील से कहा कि हम ये नहीं जानते कि संसाधन बढ़ाने वाला आपका दिन कब आएगा। कोर्ट ने इसके बाद ही चेतावनी दी और कहा कि हम आखिरी मौका दे रहे हैं। इसके बाद कोर्ट कार्रवाई करेगा।

नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट ने एक मामले में दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी को बंद करने की चेतावनी दी है। मसला ये है कि एमसीडी में काम करने वाले और यहां से रिटायर हुए तमाम कर्मचारियों को वेतन और पेंशन नहीं हो रही। दिल्ली हाईकोर्ट के कार्यकारी चीफ जस्टिस मनमोहन और जस्टिस मनमीत अरोड़ा की बेंच ने शुक्रवार को एमसीडी से कहा कि वो संसाधन बढ़ाकर 10 दिन में बकाया तनख्वाह और पेंशन का भुगतान करे, वरना उसे बंद करने का आदेश दिया जाएगा। हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मचारियों और पेंशनरों को एमसीडी वेतन और पेंशन का भुगतान नहीं कर रहा है। कोर्ट ने कहा कि सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के मुताबिक कर्मचारियों और पेंशनरों को भुगतान करना एमसीडी का कानूनी दायित्व है। आम आदमी पार्टी (आप) ने पिछले साल दिल्ली नगर निगम यानी एमसीडी का चुनाव जीता था।

दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) का दफ्तर।

जस्टिस मनमोहन और जस्टिस अरोड़ा ने कहा कि हम एमसीडी से कह रहे हैं कि वो अपने संसाधनों को बढ़ाने के तरीके तलाशने का इंतजार नहीं करेगी। कोर्ट ने कहा कि अगर एमसीडी 7वें वेतन आयोग के मुताबिक मूल वेतन देने की हालत में नहीं है, तो उसे नतीजा भी भुगतना होगा। दिल्ली हाईकोर्ट में एमसीडी के वकील ने बताया कि कुछ कर्मचारियों और रिटायर पेंशनरों को जनवरी तक का भुगतान किया गया है। एमसीडी के वकील ने हाईकोर्ट की बेंच को बताया कि बाकी का बकाया भी अगले 10 दिन में चुका दिया जाएगा। एमसीडी के वकील की बात सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि बीते 4 साल से ये मसला चल रहा है और हम उस दिन का इंतजार कर रहे हैं, जब आप अपने संसाधन बढ़ाएंगे।

कोर्ट ने नाराजगी जताते हुए एमसीडी के वकील से कहा कि हम ये नहीं जानते कि संसाधन बढ़ाने वाला आपका दिन कब आएगा। कोर्ट ने इसके बाद ही चेतावनी दी और कहा कि हम आखिरी मौका दे रहे हैं। अगर 1 हफ्ते या 10 दिन में सबकुछ ठीक नहीं किया गया, तो फिर कार्रवाई होगी। कोर्ट ने कहा कि फिर हमें ये कहना होगा कि नगर निगम को बंद करने की जरूरत है। दिल्ली हाईकोर्ट के इस सख्त रवैये के कारण अब एमसीडी के सामने वेतन और पेंशन भुगतान के अलावा फिलहाल कोई और रास्ता नहीं दिख रहा है।