
नई दिल्ली। राष्ट्रीय राजधानी के जहांगीरपुरी इलाके में बीती शाम हनुमान जयंती पर निकाली गई शोभायात्रा पर पथराव और उसके बाद हिंसा करने वालों को जेल की सलाखों के पीछे भेजने की तैयारी दिल्ली पुलिस ने की है। उपद्रव की जांच और दंगाइयों की धर-पकड़ के लिए दिल्ली पुलिस ने स्पेशल ब्रांच की 10 टीमें बनाई हैं। वहीं, दंगाग्रस्त जहांगीरपुरी और अन्य संवेदनशील जगहों पर बड़े पैमाने पर पुलिस की तैनाती की गई है। कल हुई हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और दिल्ली के लेफ्टिनेंट गवर्नर अनिल बैजल ने पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना को तलब कर सख्त कार्रवाई के लिए कहा था। अब तक की जानकारी के मुताबिक हिंसा में 6 पुलिसकर्मियों समेत 7 लोग घायल हुए हैं। इस मामले में 10 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस कमिश्नर ने इसके बाद बयान जारी कर कहा था कि किसी भी सूरत में हिंसा करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। अस्थाना ने ये भी कहा था कि जो भी कानून तोड़ेगा या अफवाह फैलाएगा, उसके खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। बता दें कि जहांगीरपुरी में कल हुई हिंसा के दौरान धार्मिक नारेबाजी के साथ ही हाथ में तलवारें लिए एक समुदाय के युवक दिखे थे। राजस्थान के करौली और मध्यप्रदेश के खरगोन के बाद दिल्ली में भी हिंदुओं की शोभायात्रा पर हमले और हिंसा की घटना से सरकार के कान और खड़े हुए हैं।
सरकारी सूत्रों के मुताबिक हिंसा की सभी घटनाओं का पैटर्न देखा जा रहा है। प्रारंभिक तौर पर पता चला है कि करौली, खरगोन और दिल्ली में हिंदुओं के खिलाफ हुई हिंसा की घटनाओं की साजिश पहले से ही रची गई थी। इसी वजह से हिंसा करने वालों ने अपने घरों की छत पर पत्थर वगैरा रख लिए थे। पत्थरों के अलावा पेट्रोल बम बनाने का सामान भी उन्होंने इकट्ठा किया था। सरकार अब देख रही है कि दंगा करने वालों पर किस तरह कड़ी कार्रवाई कराई जाए, ताकि आगे से ऐसा कुछ करने का इरादा रखने वाले हतोत्साहित हों।