नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष रहे बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग को लेकर धरना दे रहे पहलवानों बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक पर दंगा करने और सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा डालने का केस दर्ज किया है। पहलवानों के धरने के आयोजकों और उनके समर्थकों पर भी केस दर्ज किया गया है। पहलवानों और उनके समर्थकों को दिल्ली पुलिस ने रविवार को हिरासत में लिया था। ये सभी सुरक्षा घेरा तोड़कर महिला महापंचायत करने नए संसद भवन की ओर जाने की कोशिश कर रहे थे। जंतर मंतर से प्रदर्शनकारी पहलवानों समेत 109 लोग हिरासत में लिए गए थे। वैसे सुबह से ही हिरासत में लिए जाने का सिलसिला चल रहा था। कुल मिलाकर 700 लोग हिरासत में लिए गए थे।
प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेकर एक निजी फार्म हाउस में रखा गया था। देर शाम महिला प्रदर्शनकारियों और देर रात पुरुषों को पुलिस ने छोड़ दिया था। जानकारी के मुताबिक रिहा होने के बाद कुछ लोग फिर जंतर मंतर पहुंचे थे, लेकिन वहां मौजूद पुलिस ने फिर धरना प्रदर्शन नहीं करने दिया। जंतर मंतर को अब पूरी तरह सील कर दिया गया है। यहां बड़ी संख्या में पुलिसबल तैनात किया गया है। पुलिस ने आंदोलनकारियों के टेंट और बाकी सामान रविवार को ही हटा दिए थे। पहलवान विनेश फोगाट, साक्षी मलिक ने आरोप लगाया है कि बृजभूषण शरण सिंह ने उनका और कई अन्य महिला पहलवानों का यौन शोषण किया। ये सभी बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं।
#WATCH | Delhi: It is unfortunate that a person accused of sexual harassment attended the inauguration of the new Parliament building…It took Delhi Police only a few hours to register an FIR against us but it took them 7 days to register an FIR against Brij Bhushan Singh:… pic.twitter.com/1wUcxEyqv2
— ANI (@ANI) May 28, 2023
पुलिस हिरासत से रिहा होने के बाद विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने आंदोलन जारी रखने की बात कही। वहीं, बजरंग पुनिया ने कहा कि दिल्ली पुलिस को बृजभूषण शरण पर एफआईआर करने में 7 दिन लगे, लेकिन शांतिपूर्वक विरोध कर रहे लोगों पर केस दर्ज करने में 7 घंटे भी नहीं लगे। पुनिया ने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि यौन उत्पीड़न का आरोपी नए संसद भवन के उद्घाटन में हिस्सा ले रहा था। बजरंग ने कहा कि घर वापस जाना विकल्प नहीं है। बाकी पहलवानों से मिलकर तय करेंगे कि आगे क्या कदम उठाना है।