नई दिल्ली। नोटबंदी का फैसला सही या गलत आज सुप्रीम कोर्ट का इसपर फैसला आ रहा है। कोर्ट में केंद्र की मोदी सरकार के नोटबंदी फैसले के खिलाफ 58 याचिकाओं पर SC का फैसला आ रहा है। बता दें, केंद्र सरकार ने 8 नवंबर 2016 को अचानक देश में नोटबंदी लागू कर सभी को चौंका दिया था। सरकार के इस फैसले के बाद 500- 1000 के नोट चलने बंद हो गए थे। सरकार के इस फैसले के बाद काफी समय तक बैंकों के बाहर लोगों की भारी भीड़ देखी गई थी।
केंद्र सरकार के इस नोटबंदी के फैसले के बाद विपक्ष ने इसका काफी विरोध भी किया। आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट सरकार के इस फैसले के खिलाफ ही दाखिल 58 याचिकाओं पर फैसला सुना रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने नोटबंदी के खिलाफ जारी दाखिल 58 याचिकाओं पर फैसला सुनाते हुए केंद्र सरकार को मामले में क्लीन चिट दे दी है।
SC to pronounce verdict on pleas challenging Centre’s demonetisation policy
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— ANI Digital (@ani_digital) January 2, 2023
सुप्रीम कोर्ट ने मोदी सरकार द्वारा जारी की गई नोटबंदी के खिलाफ 3 दर्जन से ज्यादा याचिकाओं की सुनवाई करते हुए कहा कि नोटबंदी प्रक्रिया में कुछ भी गलत नहीं पाया गया है। आरबीआई (भारतीय रिज़र्व बैंक) के पास विमुद्रीकरण लाने की कोई स्वतंत्र शक्ति नहीं है। फैसला केंद्र और आरबीआई के बीच परस्पर चर्चा के बाद लिया गया।
Supreme Court upholds the decision of the Central government taken in 2016 to demonetise the currency notes of Rs 500 and Rs 1000 denominations. pic.twitter.com/sWT70PoxZX
— ANI (@ANI) January 2, 2023
पांच-जजों की संविधान पीठ ने सुनाया फैसला
नोटबंदी के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर न्यायमूर्ति एस ए नजीर की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला सुनाया है। इस पीठ के सदस्यों की बात करें तो इनमें जस्टिस गवई और नागरत्न के अलावा जस्टिस नजीर, ए एस बोपन्ना और वी रामासुब्रमण्यन शामिल रहे।
चिदंबरम समेत 58 लोगों ने डाली थी याचिका
केंद्र सरकार द्वारा 8 नवंबर 2016 को लिए गए नोटबंदी फैसले के खिलाफ चिदंबरम समेत 58 लोगों ने याचिका डाली थी। कांग्रेस नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम ने कहा कि नोटबंदी का फैसला गलत था। चिदंबरम ने कहा कि कानूनी निविदा से संबंधित किसी भी प्रस्ताव को सरकार अपने दम पर ही लागू नहीं कर सकती।
Once the Hon’ble Supreme Court has declared the law, we are obliged to accept it.
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) January 2, 2023
कोर्ट के फैसले के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता पी चिदंबरम का बयान भी सामने आ गया है। चिदंबरम ने ट्विटर पर एक ट्वीट कर लिखा कि कोर्ट का फैसला आने के बाद हम सभी इसे स्वीकार करने के लिए बाध्य हैं।