देहरादून। कृषि कानून के विवाद को खत्म करने की कोशिश के बाद अब बीजेपी उत्तराखंड में भी विवाद का विषय बने अपनी सरकार के एक फैसले को वापस ले लिया है। राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने देवस्थानम बोर्ड को भंग कर दिया है। कैबिनेट में ये मसला उठा था। देवस्थानम बोर्ड बनाने के बीजेपी सरकार के फैसले का तीर्थ पुरोहित जमकर विरोध कर रहे थे। यहां तक कि फैसला लागू करने वाले पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत को उन्होंने केदारनाथ में दर्शन तक नहीं करने दिया था। सूत्रों के अनुसार लंबे समय से सरकार पर देवस्थानम बोर्ड को खत्म करने का प्रेशर था, जिसके बाद अब ये फैसला लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक देवस्थानम बोर्ड के मसले पर मंत्रिमंडल के तमाम सदस्यों के साथ चर्चा हुई। इसमें बोर्ड को भंग करने पर सहमति बन गई। बीते दिनों ही केंद्र में रक्षा और पर्यटन राज्य मंत्री और उत्तराखंड के बड़े नेता अजय भट्ट ने कहा था कि देवस्थानम बोर्ड के मसले पर धामी सरकार काफी गंभीर है। उन्होंने कहा था कि जल्दी ही मामले को निपटा दिया जाएगा और तीर्थ पुरोहितों को चिंता करने की जरूरत नहीं है।
उत्तराखंड में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। यहां के लोग काफी धार्मिक प्रवृत्ति के होते हैं। ऐसे में बीजेपी देवस्थानम बोर्ड को भंग कर लोगों का गुस्सा कम करना चाहती है। बोर्ड भंग न होने पर इसका बड़ा असर चुनाव के दौरान बीजेपी पर पड़ सकता था।