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Haryana Politics: लोकसभा चुनाव के बीच हरियाणा में बीजेपी को लगा बड़ा झटका, तीन निर्दलीय विधायकों ने वापस लिया समर्थन

Haryana Politics: गौरतलब है कि रोहतक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सरकार पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी की नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा में अब 88 विधायक हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है.

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव के दौरान हरियाणा में तीन निर्दलीय विधायकों ने सत्तारूढ़ बीजेपी से अपना समर्थन वापस लेने का ऐलान कर दिया है, जिससे राज्य की राजनीति में हलचल मच गई है. पूर्व मुख्यमंत्री और वरिष्ठ कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने भाजपा से अपना समर्थन वापस लेने और कांग्रेस को समर्थन देने के लिए तीन निर्दलीय विधायकों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सही समय पर लिए गए इस फैसले का असर जरूर होगा। निर्दलीय विधायकों- सोमवीर सांगवान, रंजीत गोलन और धर्मपाल गोंदर ने मुख्यमंत्री सैनी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।

पूर्व सीएम हुड्डा ने आभार व्यक्त करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म उन्होंने विधायक सोमवीर सांगवान (चरखी दादरी), रणजीत गोलान (पूंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलो खेड़ी) का धन्यवाद किया।

हुड्डा ने आगे कहा, ‘जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए सही समय पर लिया गया फैसला असर जरूर करेगा। आज न सिर्फ जनता बल्कि बीजेपी को वोट और समर्थन देने वाले लोग भी सरकार की नीतियों से नाखुश हैं। समर्थन वापसी के बाद जेजेपी और निर्दलीय विधायकों से कहा, भाजपा सरकार अब अल्पमत में है इसलिए हरियाणा में तत्काल राष्ट्रपति शासन लगाया जाए और विधानसभा चुनाव कराए जाएं, भाजपा जा रही है, कांग्रेस आ रही है।”

गौरतलब है कि रोहतक में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान तीन निर्दलीय विधायकों ने हरियाणा के उप-मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की सरकार पर आरोप लगाया था कि वह पार्टी की नीतियों से संतुष्ट नहीं हैं, इसलिए बीजेपी सरकार से अपना समर्थन वापस ले रहे हैं। 90 सदस्यीय विधानसभा में अब 88 विधायक हैं क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खटटर और निर्दलीय विधायक रणजीत चौटाला ने इस्तीफा दे दिया है. तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन वापस लेने के बाद अब सदन में बीजेपी के पास सिर्फ 43 विधायक हैं.