मध्यप्रदेश कांग्रेस में अब दिग्विजय बनाम कमलनाथ की महाभारत, 24 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में खिंची तलवारें
मध्य प्रदेश कांग्रेस में मची गुटबाजी के पीछे की एक बड़ी वजह चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की पार्टी में होने वाली वापसी है। चौधरी राकेश सिंह उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वे भाजपा में चले गए थे मगर लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने भाजपा छोड़ दी। अब उनकी वापसी एआईसीसी (AICC) के माध्यम से होनी है।
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के भीतर गुटबाजी का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इससे पहले इसी गुटबाजी के चलते ज्योतिरादित्य सिंधिया को पार्टी छोड़नी पड़ी थी। कांग्रेस ने महज 15 महीनों के भीतर अपनी सरकार भी गंवा दी। दरअसल मध्यप्रदेश में 24 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। इनमें प्रत्याशियों को लेकर कमलनाथ और दिग्विजय के गुट के बीच जंग छिड़ गई है।
इसी गुटबाजी का नतीजा है कि पार्टी आलाकमान को प्रदेश के 11 जिलाध्यक्षों के नाम दिल्ली से तय करने पड़े थे। राज्य में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और नेता प्रतिपक्ष का मामला भी इसी वजह से अधर में लटका है। फिलहाल ये दोनों पद कमलनाथ ही संभाल रहे हैं। मगर दिग्विजय का गुट इसमें अपना हिस्सा मांग रहा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस में मची गुटबाजी के पीछे की एक बड़ी वजह चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी की पार्टी में होने वाली वापसी है। चौधरी राकेश सिंह उपनेता प्रतिपक्ष रहे हैं। वे भाजपा में चले गए थे मगर लोकसभा चुनाव के पहले उन्होंने भाजपा छोड़ दी। अब उनकी वापसी एआईसीसी (AICC) के माध्यम से होनी है।
कमलनाथ खेमा चाहता है कि वे भिंड के मेहगांव से विधानसभा उपचुनाव लड़ें। कमलनाथ के साथ पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति जैसे नेता हैं। वहीं दिग्विजय सिंह का खेमा अलग है। उनके खेमें में डॉ. गोविंद सिंह, अजय सिंह और केपी सिंह जैसे नेता हैं। इसी गुटबाजी की वजह से पार्टी के भीतर सिरफुटौव्वल की स्थिति है।