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Parliament Special Session: लोकसभा से महिला आरक्षण बिल हुआ पास, पक्ष में पड़े 454 वोट

Parliament Session LIVE: वहीं, आज सदन में आज इस बिल पर चर्चा का तीसरा दिन है। जिस पर अभी चर्चा का सिलसिला जारी है। अब ऐसे में इस बिल को लेकर आगामी दिनों में सदन का क्या रुख रहता है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

नई दिल्ली। महिला सशक्तिकरण की दिशा में केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए महिला आरक्षण बिल पेश किया है। जिस पर आठ घंटे की लंबी चर्चा हुई। पक्ष-विपक्ष सभी ने खुलकर इस बिल का समर्थन किया है। सोनिया गांधी से लेकर राहुल गांधी तक ने बिल का समर्थन किया, लेकिन मायवती और ओवैसी जैसे नेताओं ने जरूर सरकार की नीयत पर सवाल उठाए, लेकिन सत्तापक्ष की ओर से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मोर्चा संभालते हुए विपक्ष के हर सवाल का जवाब दिया है। खैर, आठ घंटे की लंबी चर्चा के बाद इस पर पर्ची के जरिए वोटिंग हुई। वोटिंग के दौरान बिल के पक्ष में 454 लोगों ने वोट किया है, जबकि विरोध में 2 सांसदों ने विरोध में वोट किया। हालांकि, वो दो सांसद कौन हैं? इस बारे में अभी तक कोई जानकारी सामने नहीं आई है, लेकिन जिस तरह से दो तिहाई बहुमत के साथ यह बिल लोकसभा से पास हुआ है,  उससे राजनीतिक मोर्चे पर महिलाओं की शक्ति बढ़ी है। वहीं, इस बिल पर लोकसभा में क्या कुछ हुआ? जानने के लिए पढ़िए ये पूरी रिपोर्ट।

LIVE UPDATE:-

लोकसभा से पास हुआ महिला आरक्षण बिल

लोकसभा से महिला आरक्षण बिल दो तिहाई बहुमत के साथ पास हो चुका है। बिल के पक्ष में 454  वोट पड़े हैं, जबकि दो सांसदों ने इस बिल के विरोध में वोट किया है। वहीं, इस बिल का नाम महिला शक्ति वंदन अधिनियम रखा गया है। इस बिल के पारित होने के बाद लोकसभा सहित विभिन्न विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसद आरक्षण दिया जाएगा। वहीं, अब इसे राज्यसभा में पेश किया जाएगा। जिसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद कानून बन जाएगा।

 

महिला आरक्षण बिल पर लोकसभा में वोटिंग हो रही है। यह वोटिंग पर्चियों के जरिए हो रही है। जिसकी प्रक्रिया के बारे में समझा दिया गया है।

महिला आरक्षण बिल पर शुरू हुई वोटिंग प्रक्रिया। सदन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी मौजूद हैं।

थोड़ी देर में होगी वोटिंग 

वहीं, महिला आरक्षण बिल पर थोड़ी देर में वोटिंग होगी। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि  पर्चियों के जरिए वोटिंग होगी। संसद सदस्यों को पर्ची उपलब्ध करवाई जाएगी, जिसमें हां या ना लिखा होगा। पर्ची में अपनी इच्छा व्यक्त करके सांसदों को अपनी पर्ची जमा करानी होगी। इसके अलावा जो लोग मतदान में भाग नहीं लेना चाहे, वो पीले रंग वाली पर्ची ले।

लोकसभा पहुंचे पीएम मोदी 

लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को लेकर जारी बवाल के बीच पीएम मोदी ने संसद पहुंचे हैं।

अर्जुन राम मेघवाल ने शुरू किया भाषण 

इसके अलावा  संसद में डॉ भीम राव आंबेडकर के मुद्दे को लेकर जोरदार बहस देखने को मिली है। अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि कांग्रेस ने डॉ भीम राम आंबेडकर को चुनाव में हराया था। यहां तक की कांग्रेस ने उनकी चित्र तक भी संसद  परिसर में नहीं लगने दी थी।

अर्जुन राम मेघवाल ने राहुल गांधी द्वारा सेक्रेटरी पर दिए बयान पर कहा कि 1992 में किसकी सरकार थी। 1992 में तो आपकी ही सरकार थी। ऐसा करके राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार को कोसा है।

वहीं, अर्जुन राम मेघवाल ने अपने भाषण में कहा कि, ‘अब हम इस बिल को फंसने नहीं देंगे। इसे लागू करने के ही रहेंगे। अब हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि महिलाओं को ज्यादा इंतजार ना करना पड़े। हालांकि, मैं आप लोगों का आभार व्यक्त करना चाहता हूं कि आप लोगों ने इसका समर्थन किया है।

अमित शाह ने शुरू किया भाषण

अमित शाह ने राहुल गांधी पर पलटवार किया। शाह ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा कि एक महानुभाव ने कहा कि 90 में से सिर्फ तीन सेक्रेटरी ही देश को चलाते हैं। अब सबकी अपनी -अपनी समझ है। ये कहते हैं कि देश को सेक्रेटरी चलाते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि देश सरकार चलाती है।

अमित शाह ने कहा कि मैंने सभी को सुना है। मुझे इस बात की खुशी है कि सभी ने अपने भाषण में इस बिल का समर्थन किया है। लेकिन मैंने सोशल मीडिया पर देखा कुछ लोग भूमिका बना रहे हैं कि इस बिल का समर्थन नहीं करना है। क्योंकि यह 2029 के बाद लागू होगा।

 

केंद्रीय गृह मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ गरीबों को हटाया, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं किया , जबकि जब मोदीजी इस देश के पीएम बने तब इस देश के 70 करोड़ लोगों को बैंक अकाउंट नहीं थे, पीएम मोदी ने ये जनधन योजना चालू की। इसके तहत बैंक अकाउंट खोले गए। इसके तहत 52 करोड़ खोले गए। इसमें 70 फीसदी अकाउंट माताओं के नाम से खोले गए। आज सारी योजनाओं का पैसा महिलाओं के बैंक खातों में जाता है, कांग्रेस ने 5 दशक से ज्यादा शासन किया।

शाह ने कहा कि हम यह बिल राजनीति से प्रेरित होकर नहीं लाए हैं, बल्कि समाज में कुछ त्रुटियां हैं ,जिन्हें सुधारने के मकसद से यह बिल लाया गया है। गृह मंत्री ने कहा कि इससे पहले चार बार महिला सशक्तिकरण पर बिल लाया जा चुका है। लेकिन आखिर उनमें ऐसी क्या त्रुटियां थीं कि वो पारित नहीं हो पाए? यह पांचवीं बार है, जब महिला आरक्षण पर बिल लाया गया है।

गृह मंत्री ने संसद में कहा कि महिला सरस्वती और लक्ष्मी के रूप में है। शाह ने कहा कि महिला पुरुषों से भी ज्यादा सशक्त होती हैं। कई क्षेत्रों में महिलाओं का योगदान पुरुषों से भी ज्यादा बहुमूल्य है। वहीं, वेदों की रचना में भी महिलाओं का योगदान था। जिसमें गार्गी का नाम प्रमुख रूप से लिया जाता है। इसके अलावा शासन के दृष्टि में भी महिलाओं की भूमिका अहम थी। महिला समाज को संंपूर्ण करने का काम करती है।

शाह ने कहा कि, ‘अमित शाह ने कहा कि 2014 में जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा दिया, तो उस वक्त उनके बैंक अकाउंट में जितना भी पैसा बचा था, वो पूरा गुजरात सचिवालय के वर्ग तीन और चार के कर्मचारियों की बच्चियों की पढा़ई लिखाई के लिए दिया. इसके लिए कोई कानून नहीं था। शाह ने कहा कि मुख्यमंत्री रहते हुए नरेंद्र मोदी ने महिलाओं को सशक्त करने की दिशा में कई कदम उठाए थे, जो कि आज की तारीख में मील के पत्थर साबित हो रहे हैं।

वहीं, महिला सशक्तिकरण से जुड़े आंकड़े भी संसद में प्रस्तुत किए। गृह मंत्री ने बताया कि हमारी सरकार ने बेघऱ महिलाओं को अपना घर दिया। जिन महिलाओं के पास पेय जल नहीं था। उन्हें स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया गया। इसके अलावा हमारी सरकार ने सुनिश्चित किया कि सभी महिलाओं को हर प्रकार की सुविधा प्राप्त हो सकें। इस बीच अब हमारी सरकार ने राजनीति के मोर्चे पर महिलाओं को सशक्त करने का फैसला किया है।

शाह ने कहा कि गुजरात का मुख्यमंत्री रहने के दौरान भी नरेंद्र मोदी ने बीजेपी संगठन में एक तिहाई आरक्षण दिए जाने का फैसला किया था। शाह ने कहा कि हमारी सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान शुरू किया जिसका नतीजा यह हुआ कि बेटियों के स्कूल ट्रॉप आउट में कमी आई।

अमित शाह ने कहा कि कल का दिन नारी शक्ति के लिहाज से स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा।  शाह ने कहा कि यह युग बदलने वाला विधेयक साबित होगा। वहीं, शाह ने कहा कि किसी दूसरी पार्टी के लिए महिला सशक्तीकरण राजनीतिक मुद्दा हो सकता है, लेकिन मेरी पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए यह राजनीति का मसला नहीं है। शाह ने हा कि मेरी पार्टी महिला सशक्तिकरण की दिशा कदम उठाने वाली कदम पहली और अंतिम पार्टी है। हमने हमेशा महिला सशक्तिकरण की दिशा में कदम उठाया है।

 

राहुल गांधी ने लोकसभा में बोलना शुरू किया

राहुल ने अपने भाषण में सवालिया लहजे में कहा कि आखिर आजादी के सात दशकों के बाद भी हमारी संस्थाओं में ओबीसी की भागीदारी कितनी है? राहुल ने कहा कि सिर्फ 90 सेक्रेटरी में से सिर्फ 3 ही ओबीसी समुदाय से है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस बिल को आज ही लागू कीजिए।

इसके साथ ही राहुल ने इस बात पर जोर दिया कि आप जातीय जनगणना मत कीजिए। आप सीधा 33 फीसद आरक्षण महिला को ही दे  दीजिए। राहुल ने कहा कि  ओबीसी समुदाय की झोली में बजट में सिर्फ 3 फीसद हिस्सा ही आ पाता है।

कांग्रेस नेता ने कहा कि, ‘जब अंग्रेजों ने उनसे पूछा तो हमारे क्रांतिकारी नेताओं ने कहा कि हम जनता को सत्ता देंगे। वोट सत्ता ट्रांसफर का प्रतीक बन गया। पंचायती राज उस ओर एक कदम था। सब इस बात को मानते हैं कि महिलाओं को और जगह मिलनी चाहिए।

इस दौरान उन्होंने कहा कि मैं बिल का समर्थन करता हूं, लेकिन ये बिल कंप्लीट नहीं है। इसमें ओबीसी आरक्षण होना चाहिए था।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने भाषण की शुरुआत में कहा कि मुझे नए संसद भवन में भाषण देने में खुशी हो रही है। वहीं, मैं महिला आरक्षण बिल के समर्थन में हूं, लेकिन यह बिल अभी पूरा नहीं हुआ है, क्योंकि अभी तक इसमें ओबीसी आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया है। राहुल ने कहा कि मुझे यह कहने में कोई आपत्ति नहीं है कि अन्य अहम  मुद्दों जैसे अडानी से लोगों का ध्यान भटकाने के लिए भी ऐसा किया जा रहा है।

वहीं, महिला आरक्षण बिल पर केंद्रीय महिला एवं विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि, ‘”आज, जिन्होंने इसे जुमला कहा और कहा कि ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि उन्होंने इसके लिए कई पत्र लिखे, कम से कम उन्होंने स्वीकार किया कि वे उनका (पीएम मोदी) अपमान करते रहे लेकिन उन्होंने उनके प्रत्येक संचार को पढ़ा और उनके साथ इस पर चर्चा की।”

महिला आरक्षण बिल पर अपना दल की प्रमुख अनुप्रिया पटेल ने कहा कि, ‘”मैं इस (महिला आरक्षण) विधेयक की सराहना करती हूं और इसके लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद देती हूं। मुझे लगता है कि यह महिला आरक्षण विधेयक समय की जरूरत है।”

सपा से डिपंल यादव ने इस बिल का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने कुछ बिंदुओं पर आपत्ति जताई। जिसमें उन्होंने SC, ST और OBC वर्ग की महिलाओं के लिए भी आरक्षण सुनिश्चित किया जाए, ताकि उनके लिए आऱक्षण का मार्ग प्रशस्त हो सकें। इसके अलावा उन्होंंने परिसीमन और जातिगत जनगणना कब होगी। इसे लेकर भी सवाल पूछा।

सुप्रीया सुले ने महिला आरक्षण बिल पर कहा कि, ‘”निशिकांत दुबे ने कहा कि भारत उन लोगों के पक्ष में है जो महिलाओं को अपमानित करते हैं और अपमानजनक बातें करते हैं…महाराष्ट्र में भाजपा के एक प्रमुख थे। उन्होंने टेलीविजन पर रिकॉर्ड पर मुझसे व्यक्तिगत रूप से कहा – “सुप्रिया सुले घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। हम लोग चलेंगे।” यही है बीजेपी की मानसिकता…”

“निशिकांत दुबे ने कहा कि भारत उन लोगों के पक्ष में है जो महिलाओं को अपमानित करते हैं और अपमानजनक बातें करते हैं…महाराष्ट्र में भाजपा के एक प्रमुख थे। उन्होंने टेलीविजन पर रिकॉर्ड पर मुझसे व्यक्तिगत रूप से कहा – “सुप्रिया सुले घर जाओ, खाना बनाओ, देश कोई और चला लेगा। हम लोग चलेंगे।” यही है बीजेपी की मानसिकता…”

वहीं, सत्तापक्ष की ओर से जब केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे ने बोलने की कोशिश की, तो विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताते हुए कहा कि आखिर महिला आरक्षण बिल पर किसी महिला सांसद को बोलने की इजाजत क्यों नहीं दी जा रही है। जिस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि भाइयों को इस मामले में ज्यादा हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

उधर, सरकार की ओर से अपना पक्ष रखते हुए केंद्रीय मंत्री निशिकांत दुबे ने विपक्ष पर इस बिल को लेकर राजनीति करने का आरोप लागया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल यह बिल नहीं ला पाई, लेकिन हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा यह बिल लाने में सफल हुई है। वहीं, आज कांग्रेस इस बिल पर अपना श्रेय लेने की कोशिश कर रही है, लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि विपक्ष द्वारा लाया गया यह बिल गलत था, जिसकी वजह से वो बिल आगे नहीं बढ़ सका था।

वहीं, इस बिल पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यह बिल लैंगिक समानता का प्रतीक है। हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगा। ‘हमने स्थानीय निकाय के चुनावों में महिलाओं के लिए न्यूनतम 33 प्रतिशत आरक्षण सुनिश्चित किया है… एक और सुखद संयोग है कि राज्य विधानसभाओं और देश की संसद में महिलाओं के लिए ऐसा ही आरक्षण देने वाला एक प्रस्ताव अब आगे बढ़ रहा है। यह लैंगिक न्याय के लिए हमारे दौर की सबसे परिवर्तनकारी क्रांति होगा।

सोनिया गांधी ने महिला आरक्षण बिल का स्वागत किया, लेकिन उन्होंने इस पर श्रेय लेने की भी कोशिश की। कांग्रेस नेत्री ने कहा कि, ‘”स्त्री की मेहनत, स्त्री की गरिमा और स्त्री के त्याग की पहचान करके ही हम लोग मनुष्यता की परीक्षा में पास हो सकते हैं। आजादी की लड़ाई और नए भारत के निर्माण हर मोर्चे पर स्त्री पुरुष के साथ कंधे से कंधा मिलाकर लड़ी है। वह उम्मीदों, आकांक्षाओं, तकलीफों और घर गृहस्थी के बोझ के नीचे नहीं दबी।” उन्होंंने आगे कहा कि, ‘”सरोजिनी नायडू, सुचेता कृपलानी, अरुणा आसफ अली, विजयलक्ष्मी पंडित, राजकुमारी अमृत कौर और उनके साथ तमाम लाखों-लाखों महिलाओं से लेकिन आज की तारीख तक स्त्री ने कठिन समय में हर बार महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब अंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतार कर दिखाया है। इंदिरा गांधी जी का व्यक्तित्व इस सिलसिले में एक बहुत ही रोशन और जिंदा मिसाल है।”