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Bihar: बिहार में आरजेडी और जेडीयू में बयानों की जंग, लालू के सामने ही शिवानंद ने साधा नीतीश पर निशाना तो उपेंद्र ने किया पलटवार

कुछ दिन पहले भी शिवानंद ने नीतीश पर निशाना साधा था। खास बात ये कि शिवानंद को लालू या तेजस्वी यादव की तरफ से इस बारे में रोका या टोका भी नहीं जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि गठबंधन की सरकार तो अभी चल रही है, लेकिन आगे भी चलती रहेगी या नहीं?

पटना। बिहार में आरजेडी और जेडीयू के गठबंधन को ज्यादा दिन बीते भी नहीं हैं कि दोनों दलों के नेताओं के बीच जंग का अखाड़ा सजता नजर आ रहा है। फिलहाल बयानों की जंग में दोनों दलों के नेता एक-दूसरे को पटकनी देने की कोशिश करते दिख रहे हैं। इस जंग के केंद्र में सीएम नीतीश कुमार हैं। उनको निशाना बनाकर आरजेडी के नेता और लालू यादव के करीबी शिवानंद तिवारी ने बयान दिया। जिसके पलटवार में जेडीयू की तरफ से नीतीश के खास उपेंद्र कुशवाहा मैदान में कूद पड़े। दोनों नेताओं के बीच बयानों की जंग किस तरह हुई, ये आपको आज हम बताते हैं।

Nitish Kumar and Lalu

पहले आपको बताते हैं कि आरजेडी की तरफ से शिवानंद तिवारी ने नीतीश कुमार पर किस तरह निशाना साधा। शिवानंद ने लालू के सामने ही पार्टी के प्रदेश सम्मेलन में नीतीश पर बयानों के तीर छोड़े। इस दौरान लालू चुपचाप सबकुछ सुनते रहे। शिवानंद ने कहा कि नीतीश कुमार ने कहा था कि हम लोग आश्रम खोलेंगे। वहां राजनीतिक कार्यकर्ताओं के प्रशिक्षण का इंतजाम करेंगे। हम नीतीश को याद दिलाना चाहेंगे कि आश्रम खोलने वाला वादा याद रखिएगा। 2025 में तेजस्वी को सीएम बनाइए और फिर आश्रम खोलिए। हम भी उस आश्रम में रहेंगे। सुनिए शिवानंद ने किस तरह नीतीश को निशाना बनाया।

शिवानंद के इस बयान का वीडियो सामने आते ही जेडीयू की तरफ से नीतीश के करीबी उपेंद्र कुशवाहा मैदान में उतरे। उन्होंने कहा कि बाबा नीतीश कुमार जी अभी आश्रम नहीं खोलने जा रहे हैं। करोड़ों देशवासियों की दुआएं उनके साथ है। जो चाहते हैं कि नीतीश जी सत्ता के ऊंचे से ऊंचे शिखर पर रहते हुए बिहार के साथ देशवासियों की सेवा करते रहें। उपेंद्र ने आगे तंज कसते हुए कहा कि मुझको लगता है कि अगर आपको जरूरत है, तो कोई और आश्रम की तलाश करनी चाहिए। बता दें कि कुछ दिन पहले भी शिवानंद ने नीतीश पर निशाना साधा था। खास बात ये कि शिवानंद को लालू या तेजस्वी यादव की तरफ से इस बारे में रोका या टोका भी नहीं जा रहा है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि गठबंधन की सरकार तो अभी चल रही है, लेकिन आगे भी चलती रहेगी या नहीं?