
नई दिल्ली। डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन की मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) 2,000 करोड़ रुपये से अधिक के ड्रग सिंडिकेट मामले में मैदान में उतर गया है। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर अब ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज किया है। यह घटनाक्रम उदयनिधि स्टालिन के लिए मामलों को और अधिक जटिल बना सकता है, क्योंकि ईडी जल्द ही पहले से गिरफ्तार तमिल फिल्म निर्माता जफर सादिक के अलावा उनसे भी पूछताछ कर सकती है। ईडी की जांच का उद्देश्य बॉलीवुड और टॉलीवुड में सक्रिय ड्रग सिंडिकेट्स से जुड़े वित्तीय रास्तों को उजागर करना है, जिससे संभावित रूप से विदेशी तटों तक फैली करोड़ों रुपये की अवैध कमाई का खुलासा हो सके।
जफर सादिक, जिसे पहले एनसीबी ने अंतरराष्ट्रीय मादक पदार्थों की तस्करी के मामले में गिरफ्तार किया था, ने कथित तौर पर उदयनिधि स्टालिन को धन मुहैया कराया था। एनसीबी की पूछताछ के दौरान उनके बयान के अनुसार, राहत और पार्टी फंड के बहाने, सादिक ने कथित तौर पर स्टालिन को ₹7 लाख हस्तांतरित किए। अब तक एनसीबी ने ड्रग सिंडिकेट मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है।
जांच के दायरे में आने वाले ड्रग सिंडिकेट में ₹2,000 करोड़ से अधिक का लेनदेन शामिल है, एनसीबी ने हाल ही में ‘स्यूडोफेड्रिन’ नामक 3,500 किलोग्राम मादक पदार्थ की तस्करी में शामिल एक अंतरराष्ट्रीय समूह पर अपनी कार्रवाई का खुलासा किया है, जिसकी वैश्विक बाजार में कीमत ₹2,000 करोड़ से अधिक है। इसके अलावा, जांच ने फिल्म उद्योग के भीतर कास्टिंग काउच के पहलुओं की संलिप्तता पर प्रकाश डाला है। बॉलीवुड के कुछ फाइनेंसरों को भी जल्द ही एनसीबी जांच का सामना करना पड़ सकता है। उदयनिधि स्टालिन को खुद एनसीबी पूछताछ के लिए बुला सकती है। एनसीबी की जांच के दौरान यह सामने आया है कि जफर सादिक से जुड़ी ‘मंगई’ नाम की तमिल फिल्म को कथित तौर पर ड्रग गतिविधियों से प्राप्त आय के माध्यम से वित्त पोषित किया गया था।