नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जल भुइयां की बेंच ने सोमवार को किसानों की अगुवाई कर रहे जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं को बड़ी हिदायत दी है। कोर्ट ने कहा कि किसानों के मुद्दों को हमने नोट किया है और विचार कर रहे हैं। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि विरोध प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान नेताओं से सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वे प्रदर्शन कर रहे किसानों को हाइवे बाधित न करने और आम लोगों को असुविधा न पहुंचाने के लिए मनाएं।
जगजीत सिंह डल्लेवाल को बीते दिनों गिरफ्तार किया गया था। इस पर डल्लेवाल के वकील ने बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका सुप्रीम कोर्ट में लगाई थी। उसी पर कोर्ट ने सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि डल्लेवाल को रिहा कर दिया गया है। सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में आप शांतिपूर्ण विरोध और प्रदर्शन कर सकते हैं, लेकिन लोगों को दिक्कत नहीं होनी चाहिए। कोर्ट ने कहा कि प्रदर्शनकारियों को जगजीत सिंह डल्लेवाल राजी कर सकते हैं कि लोगों को कोई असुविधा न हो और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन हो। जगजीत सिंह डल्लेवाल और अन्य किसान 13 फरवरी से हरियाणा के शंभु-खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। जगजीत सिंह डल्लेवाल ने 26 नवंबर 2024 से आमरण अनशन शुरू किया। जिस पर पंजाब पुलिस ने वहां से उनको हटाकर लुधियाना के अस्पताल भेजा था। फिर जगजीत सिंह डल्लेवाल को छोड़ा गया और वो धरना देने लगे।
दिल्ली की सीमाएं घेरने के बाद किसानों का ये प्रदर्शन हरियाणा और पंजाब की सीमा पर हो रहा है। हरियाणा सरकार ने प्रदर्शनकारी किसानों को दिल्ली तक न पहुंचने देने के लिए शंभु बॉर्डर पर तगड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है। सुप्रीम कोर्ट यहां बैरिकेडिंग की वजह से आम लोगों को हो रही दिक्कत पर पहले भी चिंता जता चुका है। किसान एमएसपी के लिए कानून की गारंटी, किसानों और खेत मजदूरों के लिए पेंशन, कर्ज माफी, भूमि अधिग्रहण का 2013 वाला एक्ट लागू करने, किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वालों के परिवारों को मुआवजा देने और स्वामीनाथ आयोग की सिफारिशों को लागू करने की मांग पर अड़े हैं।