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Draupadi Murmu: राष्ट्रपति बनते ही द्रौपदी मुर्मू के नाम होगा ये खास रिकॉर्ड, जानिए उनके सियासी सफर के बारे में

Draupadi Murmu: देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन जाएंगी। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी  न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। हालांकि, केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिले हैं।

नई दिल्ली। अब से कुछ घंटे के बाद देश को अगले राष्ट्रपति का ऐलान होने वाला है। राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोटिंग अभी जारी है। फिलहाल रायसीना हिल्स की रेस में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मूर्म आगे चल रही है। पहले चरण द्रौपदी मूर्म को विपक्ष के कैंडिडेट यशवंत सिन्हा से आगे चल रही है। पहले चरण में सांसदों के वोटों की गिनती पूरी हो गई है। 748 वोटों में से द्रौपदी मूर्म को 540 वोट प्राप्त हुए है,जबकि यशवंत सिन्हा को 208 मिले हैं। इस बात की उम्मीद ज्यादा है कि राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए प्रत्याशी मुर्मू को विजय घोषित होंगी। वहीं भाजपा जीत को लेकर पूरी तरह से आश्वस्त है और अभी से जश्न की तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। वहीं द्रौपदी मुर्मू के राष्ट्रपति बनते ही कुछ खास रिकॉर्ड बन जाएंगे।

draupadi murmu and yashwant sinha

पहला रिकॉर्ड-

देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद तक पहुंचने वाली द्रौपदी मुर्मू पहली आदिवासी महिला नेता बन जाएंगी। देश में अभी तक कोई भी आदिवासी  न तो राष्ट्रपति और न ही प्रधानमंत्री की कुर्सी पर विराजमान हुआ है। हालांकि, केआर नारायणन और रामनाथ कोविंद के रूप में दो दलित राष्ट्रपति मिले हैं।

droupadi murmu

दूसरा रिकॉर्ड-

इसके अलावा द्रौपदी मुर्मू जो दूसरा रिकॉर्ड बनाने जा रही है। उसमें खास बात ये है कि वो पहली राष्ट्रपति होंगी, जो 1947 में देश को आजाद मिलने के बाद जन्मी हैं। देश में अभी तक जीतने भी राष्ट्रपति बने हैं, उनका जन्म देश को आजादी मिलने से पहले हुआ। देश के आजाद होने के बाद करीब 11 साल बाद उनका जन्म 20 जून 1958 को हुआ।

तीसरा रिकॉर्ड-

इसके साथ द्रौपदी मुर्मू के नाम एक और खास रिकॉर्ड होगा। ऐसा पहली मर्तबा होगा, जब किसी वक्त पार्षद रह चुका कोई शख्स देश के सर्वोच्च पद पर विराजमान होगा। मुर्मू ने साल 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत का पार्षद बनने के साथ अपने सियासी सफर की ओपनिंग की थी। इसके तीन साल बाद 2000 में वह पहली बार विधायक चुनी गई थी।

 चौंथा रिकॉर्ड-

इसके अलावा सबसे कम आयु में राष्ट्रपति बनने का खिताब भी द्रोपदी मुर्मू के नाम जुड़ जाएगा। इससे पहले देश में सबसे कम आयु में राष्ट्रपति बनने का रिकॉर्ड नीलम संजीव रेड्डी के नाम पर है, जो साल 1977 में निर्विरोध राष्ट्रपति चुने गए थे। जब नीलम संजीव रेड्डी राष्ट्रपति बने थे उस वक्त उनकी आयु 64 वर्ष, 2 महीने और 6 दिन थी। जबकि मुर्मू के पद ग्रहण करते वक्त 64 साल ,1 महीना और 8 दिन होगी।