नई दिल्ली। चीन और पाकिस्तान (China and Pakistan) से विवाद के बीच भारत (India) ने अपनी नौसेना की युद्ध क्षमताओं को बढ़ाते हुए सोमवार को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित एक एंटी-सबमरीन शस्त्र प्रणाली का सफलतापूर्वक परीक्षण किया। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने डीआरडीओ (DRDO) के वैज्ञानिकों को इस सफलता के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा, डीआरडीओ ने मिसाइल असस्टिेड टॉरपीडो (SMART) का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह एंटी सबमरीन हथियार एक प्रमुख प्रौद्योगिकी सफलता है। मैं इस महत्वपूर्ण उपलब्धि के लिए डीआरडीओ और अन्य एजेंसियों को बधाई देता हूं।
The @DRDO_India has successfully flight tested the Supersonic Missile assisted release of Torpedo, SMART. This will be a major technology breakthrough for stand-off capability in anti-submarine warfare. I congratulate DRDO and other stakeholders for this significant achievement.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) October 5, 2020
डीआरडीओ के चेयरमैन जी. सतीश रेड्डी ने कहा कि एसएमएआरटी (स्मार्ट) सबमरीन वारफेयर में एक गेम चेंजर तकनीक है। डीआरडीओ ने कहा कि, टारपीडो (एसएमएआरटी) की सुपरसोनिक मिसाइल-असिस्टेड रिलीज को ओडिशा के तट से 11:45 बजे सफलतापूर्वक फ्लाइट परीक्षण किया गया। मिसाइल के रेंज और ऊंचाई तक उड़ान सहित सभी मिशन उद्देश्य, पृथक्करण, टॉरपीडो की रिलीज और वेलोसिटी रिडक्शन मैकेनिज्म (वीआरएम) पूरी तरह से परफेक्ट थे।
यह भी कहा गया है कि ट्रैकिंग स्टेशन – रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल सिस्टम के साथ और टेलीमेट्री स्टेशनों सहित डाउन रेंज के जहाजों तक सभी घटनाओं की पूरी निगरानी की गई। यह टॉरपीडो सिस्टम मिसाइल असिस्टेड फ्लाइट रिलीज है जो एंटी-सबमरीन युद्ध के दौरान क्षमता स्थापित करने में सहायक होगा।
#WATCH: Supersonic Missile Assisted Release of Torpedo (SMART) successfully flight tested today from Wheeler Island off the coast of Odisha. It’s a missile assisted release of lightweight Anti-Submarine Torpedo System for Anti Submarine Warfare operations far beyond Torpedo range pic.twitter.com/Ts1Ev4uYne
— ANI (@ANI) October 5, 2020
इसे रक्षा अनुसंधान और विकास प्रयोगशाला (डीआरडीओ) के कई लैब ने मिलकर तैयार किया है, जिसमें हैदराबाद का अनुसंधान केंद्र, हवाई वितरण अनुसंधान और विकास प्रतिष्ठान (आगरा), नौसेना विज्ञान और तकनीकी प्रयोगशाला (एनएसटीएल) विशाखापत्तनम सहित शामिल है।