
नई दिल्ली। नीट यूजी परीक्षा में एक सवाल के दो जवाब सही मानने की एनटीए की गलती 4.20 लाख अभ्यर्थियों पर असर डालने जा रही है। दरअसल, बीते दिनों नीट यूजी की परीक्षा में परमाणु से संबंधित एक सवाल पूछा गया था। एनटीए ने इसकी आंसर की जारी कर एक विकल्प को सही बताया था। इसका तमाम अभ्यर्थियों ने विरोध किया था। जिसके बाद एनटीए ने एक अन्य विकल्प को सही बताने वाले छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे। अब आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों ने इस सवाल का चौथा ऑप्शन सही बताया है और सुप्रीम कोर्ट ने इसके आधार पर गलत जवाब देने वालों का नंबर काटने के लिए एनटीए को कहा है। ऐसे में करीब 4.20 लाख अभ्यर्थियों की रैंक में गिरावट आएगी। इनमें 44 टॉपर भी शामिल हैं।
एनटीए ने नीट यूजी परीक्षा में ये सवाल पूछा था-
कथन 1: परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश होते हैं।
कथन 2: प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं।
इस सवाल के 4 ऑप्शन दिए गए थे। A में कहा गया था कि पहला कथन सही और दूसरा गलत है। B में कहा गया था कि पहला कथन गलत और दूसरा सही है। C में दोनों कथनों को ही सही बताया गया था और D में दोनों कथनों को गलत बताया गया था।
किस वजह से हुई गड़बड़ी
आंसर की में एनटीए ने विकल्प A को सही बताया था। जबकि, एनसीईआरटी की पुरानी किताब के अनुसार C ऑप्शन सही था। आंसर की जारी होने के बाद ऐसे में जिन छात्रों ने C को सही बताते हुए आपत्ति जताई, उनको एनटीए ने ग्रेस मार्क्स दे दिए थे। नीट यूजी पेपर लीक का मामला जब सुप्रीम कोर्ट में सुना गया, तो इस सवाल पर मिले ग्रेस मार्क्स का मसला भी उठा। चीफ जस्टिस डीवआई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि एक सवाल के 2 सही जवाब नहीं हो सकते। चीफ जस्टिस ने आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों से सही जवाब देने के लिए कहा। इस पर आईआईटी के विशेषज्ञों ने चौथे ऑप्शन को सही बताया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गलत जवाब देने वाले छात्रों के ग्रेस मार्क्स काटने का आदेश एनटीए को दिया है। इससे लाखों अभ्यर्थियों की रैंकिंग नीचे आने के आसार हैं। जाहिर तौर पर रैंकिंग नीचे आने से सरकारी मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के सपने को चोट लग सकती है।