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कबाड़ से बनाया ड्रोन, दुनिया के कई देशों से आया बुलावा, लेकिन पीएम मोदी से प्रभावित प्रताप ने सब ठुकराया… बेहद दिलचस्प है कहानी

कर्नाटक के एनएम प्रताप आजकल काफी चर्चा में हैं। बता दें कि उन्हें पीएम मोदी द्वारा DRDO साइंटिस्ट नियुक्त किया गया है। कर्नाटक में 21 साल के युवा की कबाड़ से ड्रोन बनाने से लेकर DRDO साइंटिस्ट बनने तक की कहानी काफी दिलचस्प है।

नई दिल्ली। कर्नाटक के एनएम प्रताप आजकल काफी चर्चा में हैं। बता दें कि उन्हें पीएम मोदी द्वारा DRDO साइंटिस्ट नियुक्त किया गया है। कर्नाटक में 21 साल के युवा की कबाड़ से ड्रोन बनाने से लेकर DRDO साइंटिस्ट बनने तक की कहानी काफी दिलचस्प है।

14 साल की उम्र में पहली बार प्रताप की जान पहचान ड्रोन से हुई। उन्होंने ड्रोन चलाने से लेकर उसे खोलना और रिपेयरिंग का काम भी शुरू कर दिया। 16 साल की उम्र में प्रताप ने ऐसा ड्रोन बनाया जो उड़ सकता था और फोटोज ले सकता था। खास बात ये है कि ये ड्रोन उन्होंने कबाड़ से बनाया था।

प्रताप बताते हैं कि उन्होंने यह सब खुद से सीखा है। इंडिया टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रताप ने एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम किया है जिसमें सीमा सुरक्षा के लिए टेलीग्राफी, ट्रैफिक मैनेजमेंट के लिए ड्रोन बनाना, बिना पायलट का प्लेन, ऑटो पायलट ड्रोन आदि बनाना शामिल हैं।

उन्होंने हैकिंस से बचाव के लिए क्रिप्टोग्राफी का काम भी किया है। कर्नाटक बाढ़ के दौरान प्रताप के बनाए ड्रोन्स ने राहत कार्यों में लोगों का साथ दिया। प्रताप को अभी तक 87 देशों से न्योता आ चुका है। इंटरनेशनल ड्रोन एक्सपो 2018 में प्रताप को अलबर्ट आइंस्टाइन इनोवेशन गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया।

प्रताप ई-कचरे की मदद से ऐसे ड्रोन बनाते हैं जो जरूरतमंद लोगों के काम आते हैं। प्रताप ने अब तक 600 से अधिक ड्रोन बनाए हैं और अब उन्हें ड्रोन वैज्ञानिक के तौर पर पहचान मिल रही है। पीएम मोदी ने उन्हें DRDO साइंटिस्ट नियुक्त किया इतना ही नहीं वो महीने में 28 दिन विदेश यात्रा करते हैं। फ्रांस ने उन्हें अपने संगठनों में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया है, जिसके लिए उन्हें 16 लाख रुपये, 5 बीएचके घर का मासिक वेतन प्रदान किया जाएगा।