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ED On Hemant Soren: ‘दो दिन में पूछताछ के लिए पेश हों, वरना सीधी कार्रवाई होगी’, ईडी की हेमंत सोरेन को चेतावनी

ED On Hemant Soren: 13 अप्रैल को ईडी ने बड़गाई में तत्कालीन उप राजस्व निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी को भानु प्रताप के ठिकानों से कई दस्तावेज मिले थे। इन दस्तावेजों के बारे में ईडी सूत्रों का कहना है कि इससे हेमंत सोरेन की संलिप्तता नजर आती है।

रांची। जमीन घोटाले के मामले में घिरे झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने अब हेमंत सोरेन को फाइनल समन भेजा है। ईडी ने इस समन में लिखा है कि उनको 2 दिन में पूछताछ के लिए पेश होना होगा। ऐसा न करने पर ईडी ने हेमंत सोरेन पर सीधी कार्रवाई की चेतावनी दी है। ईडी की सीधी कार्रवाई का मतलब ये होता है कि जांच एजेंसी उनको गिरफ्तार कर सकती है। ईडी ने इससे पहले हेमंत सोरेन को कई बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन हेमंत सोरेन एक बार भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे। नतीजे में अब ईडी को झारखंड के सीएम को फाइनल चेतावनी वाला समन भेजना पड़ा है। हेमंत सोरेन के कई करीबी और झारखंड के अफसरों पर ईडी पहले ही कार्रवाई कर चुका है।

ED

हेमंत सोरेन से रांची के बड़गाई स्थित 8.46 एकड़ के जमीन घोटाला मामले में ईडी को पूछताछ करनी है। 13 अप्रैल को ईडी ने बड़गाई में तत्कालीन उप राजस्व निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद के ठिकानों पर छापे मारे थे। ईडी को भानु प्रताप के ठिकानों से कई दस्तावेज मिले थे। इन दस्तावेजों के बारे में ईडी सूत्रों का कहना है कि इससे हेमंत सोरेन की संलिप्तता नजर आती है। ऐसे में ईडी ने लगातार कई समन हेमंत सोरेन को भेजे। हेमंत सोरेन को तलब किए जाने के मामले को झारखंड मुक्ति मोर्चा यानी जेएमएम ने राजनीतिक द्वेष का बताया है। हेमंत सोरेन ने ईडी के समन के खिलाफ सुरक्षा का अनुरोध करते हुए पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर झारखंड हाईकोर्ट में अर्जी दी थी। हेमंत सोरेन का कहना है कि ईडी का समन अनुचित है, लेकिन दोनों ही कोर्ट से उनकी अर्जी खारिज कर दी गई थी।

hemant soren

अब एक बार फिर ईडी ने हेमंत सोरेन को समन भेजा है और 2 दिन में पेश न होने पर उनके खिलाफ सख्त और सीधी कार्रवाई की चेतावनी भी दी है। देखना है कि हेमंत सोरेन सोमवार तक ईडी के सामने पेश होते हैं या नहीं। और अगर हेमंत सोरेन इस बार भी पेश नहीं होते, तो जांच एजेंसी उनकी गिरफ्तारी का परवाना कोर्ट से लेती है या फिर एक बार उनको समन भेजती है।