नई दिल्ली। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 834 करोड़ की संपत्ति को जब्त कर लिया है। ईएमएएआर इंडिया लिमिटेड की 501.13 करोड़ और एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड की 332.69 करोड़ की अचल संपत्तियों पर प्रवर्तन निदेशालय ने जब्ती की कार्रवाई की है। ये सभी संपत्तियां हरियाणा के गुरुग्राम जिले और दिल्ली में 401.65 एकड़ में फैली हुई हैं।
Directorate of Enforcement provisionally attached immovable properties, spanning 401.65479 acres and valued at Rs. 834.03 Crore belonging to EMAAR India Ltd. (501.13 Crore) and MGF Developments Ltd. (332.69 Crore). The properties attached are in the form of land, located in 20… pic.twitter.com/1JTpimhYRt
— ANI (@ANI) August 29, 2024
दरअसल सीबीआई ने हरियाणा के तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा, डीटीसीपी के तत्कालीन निदेशक त्रिलोक चंद गुप्ता, ईएमएएआर इंडिया और एमजीएफ लिमिटेड तथा 14 अन्य कॉलोनाइजर कंपनियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। इन सभी पर आरोप है कि इन लोगों ने मिलकर सस्ते दामों में लोगों की जमीनों को हथिया लिया। इसी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने संपत्ति सीज करने की कार्रवाई की है। साथ ही एम्मार इंडिया लिमिटेड और एमजीएफ डेवलपमेंट्स लिमिटेड दोनों पर ही गुरुग्राम के सेक्टर 65 और 66 में आवासीय प्लॉटेड कॉलोनी के लिए भूमि हथियाने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच भी की जा रही है।
सीबीआई का आरोप है कि जमीन को हथियाने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार द्वारा भूमि अधिग्रहण अधिनियम, 1894 की धारा 4 और बाद में भूमि अधिग्रहण के लिए अधिनियम की धारा 6 के तहत अधिसूचना जारी करवाई गई। साल 2009 में हरियाणा सरकार ने गुरुग्राम के सेक्टर 58 से लेकर 63 और सेक्टर 65 से लेकर 67 की 1417.07 एकड़ भूमि पर भूमि अधिग्रहण अधिनियम 1894 की धारा-4 के तहत अधिसूचना जारी की थी। इससे जमीन के मालिकों को मजबूरन कम कीमत पर अपनी जमीन भूमि कॉलोनाइजर कंपनियों को देनी पड़ी। इससे पहले ईडी ने हरियाणा के गुरुग्राम जिले में हरसरू तहसील के बशारिया गांव में 88.29 एकड़ भूमि को जब्त किया था जिसकी कीमत लगभग 300 करोड़ रुपये के आसपास थी।