
मुंबई। पात्रा चॉल घोटाले के मामले में प्रवर्तन निदेशालय ED की गिरफ्त में आए शिवसेना सांसद और उद्धव ठाकरे के करीबी संजय राउत के लिए मुश्किलें बढ़ती दिख रही हैं। ईडी के अफसरों के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने खबर दी है कि जांच एजेंसी को छापों में संजय राउत के खिलाफ कई दस्तावेजी सबूत हाथ लगे हैं। इन सबूतों को ईडी मनी लॉन्ड्रिंग के इस केस में अहम मान रही है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक मुंबई में मंगलवार को ईडी ने दो जगह छापे मारे थे। वहां से जो दस्तावेज मिले, उससे पता चलता है कि संजय राउत तक पात्रा चॉल घोटाले का पैसा पहुंचा। इस बीच, सूत्रों के मुताबिक खबर ये भी है कि ईडी की हिरासत में संजय राउत सवालों का जवाब भी ठीक से नहीं दे पा रहे हैं। ये भी उनकी दिक्कतों को बढ़ा सकता है।
Sanjay Raut alleged money laundering case | ED officials say they recovered important documents in their raid at 2 locations in Mumbai yesterday. Officials say they found out that Sanjay Raut paid Rs 3 crores in cash to the sellers for 10 plots of land in Alibag.
— ANI (@ANI) August 3, 2022
संजय राउत के खिलाफ ईडी के अफसरों ने दस्तावेजों के हवाले से बताया कि शिवसेना सांसद ने अलीबाग में 10 प्लॉट खरीदने के लिए इनके मालिकों को 3 करोड़ रुपए कैश दिए। जबकि, मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट और इनकम टैक्स एक्ट के तहत इतना बड़ा कैश ट्रांजेक्शन नहीं किया जा सकता। इसके अलावा ईडी ने एचडीआईएल के अकाउंटेंट के बयान भी दर्ज किए। ये भी जांच एजेंस को पता चला है कि राउत के खाते में रुपए ट्रांसफर करने के अलावा उनके करीबी प्रवीण राउत ने बड़ी मात्रा में कैश भी उनको दिया। इसी कैश रकम से राउत परिवार ने अलीबाग और मुंबई में फ्लैट भी लिए।
पात्रा चॉल में दरअसल फ्लैट बनने थे और ये फ्लैट वहां रहने वालों को दिए जाने थे। इसके अलावा म्हाडा MHADA को भी फ्लैट बनाकर दिए जाने थे। ऐसा न करके प्रमोटर ने पूरी जमीन ही दूसरों को बेच दी। ऐसे में चॉल में रहने वालों के साथ ही म्हाडा को भी फ्लैट नहीं मिल सके। इसी मामले में ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया है। इस बारे में एक बार संजय राउत से जांच एजेंसी ने पूछताछ भी की थी। दूसरी बार भी उन्हें तलब किया था। पेश न होने के बाद राउत के घर पर छापा मारकर ईडी ने उन्हें गिरफ्तार किया था।