नई दिल्ली। दिल्ली में हुए कथित शराब घोटाले के सिलसिले में सीएम अरविंद केजरीवाल एक बार फिर ईडी के सामने पेश नहीं होंगे। ईडी ने आज पूछताछ के लिए अरविंद केजरीवाल को समन भेजा था। इसके जवाब में केजरीवाल ने कहा है कि उनके पास छिपाने के लिए कुछ नहीं है। उन्होंने ईडी के समन पर जवाब में कहा है कि वो हर कानूनी समन मानने को तैयार हैं, लेकिन जांच एजेंसी का ताजा समन भी गैरकानूनी और राजनीति से प्रेरित है। अरविंद केजरीवाल का कहना है कि उन्होंने अपना जीवन ईमानदारी से जीया है और इसलिए ईडी को अपना समन वापस लेना चाहिए। खास बात ये है कि अरविंद केजरीवाल इससे पहले भी ईडी के समन पर ऐसा ही जवाब दे चुके हैं और तब भी जांच एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए थे।
अरविंद केजरीवाल अब पंजाब के होशियारपुर जा रहे हैं। जहां अगले 10 दिन तक वो विपश्यना ध्यान लगाएंगे। इससे पहले जब केजरीवाल ने ईडी के समन का जवाब दिया था, तब 5 राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव का हवाला देकर पेश न होने की दलील दी थी। अब देखना ये है कि लगातार दूसरे समन पर केजरीवाल के पेश न होने पर ईडी उनके खिलाफ क्या कदम उठाती है। वैसे जांच एजेंसी के नियमों के तहत अगर कोई 3 बार समन पर पेश नहीं होता, तो उसकी गिरफ्तारी भी की जा सकती है। ऐसे में सवाल ये उठ रहा है कि क्या केजरीवाल चाहते हैं कि ईडी उनकी गिरफ्तारी करे और वो खुद को इस मामले में शहीद दिखाएं?
दिल्ली के डिप्टी सीएम रहे मनीष सिसोदिया पहले ही शराब घोटाले के मामले में जेल में हैं। आम आदमी पार्टी लगातार ये दावा करती रही है कि ईडी अब अरविंद केजरीवाल को जेल भेजना चाहती है। आम आदमी पार्टी की मंत्री आतिशी ने तो ये भी पिछले दिनों कहा था कि अगर अरविंद केजरीवाल जेल जाते हैं, तो वहां से ही वो सरकार चलाएंगे। उधर, बीजेपी ने लगातार इस मामले में केजरीवाल को निशाने पर रखा हुआ है और शराब घोटाले में उनकी संलिप्तता का आरोप लगा रही है।