हाथरस। यूपी के हाथरस में 2 जुलाई को नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुई भगदड़ की एसआईटी और न्यायिक आयोग जांच जारी है। इस बीच, हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने भोले बाबा की संपत्ति और फंडिंग पर बड़ी बात कही है। एसपी के अनुसार अब भोले बाबा की फंडिंग और राजनीतिक संबंधों पर नजर है। अब तक की जांच में पता चला है कि इटावा से कानपुर तक भोले बाबा की काफी संपत्ति है। भोले बाबा का असली नाम सूरजपाल है। वो पहले पुलिस में सिपाही थे।
हाथरस के एसपी निपुण अग्रवाल ने अमर उजाला अखबार को बताया कि मुख्य सेवादार के बयान से नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा को मिल रही फंडिंग, मनी ट्रेल और राजनीतिक संबंधों के बारे में जानकारी मिली है। अब जांच में साफ होगा कि भोले बाबा के कौन मददगार हैं और उनको फंडिंग किस माध्यम से होती है। एसपी ने कहा कि इस जांच में जरूरत पड़ने पर अन्य एजेंसियों की मदद भी ली जाएगी। एसपी के बयान से संकेत मिल रहा है कि भोले बाबा को मिल रही फंडिंग, मनी ट्रेल वगैरा की जांच का काम ईडी के पास भी जा सकता है। ईडी ही इस तरह के मामलों की जांच करती है। इस बीच, जानकारी ये भी मिली है कि भोले बाबा के सत्संग में सबसे ज्यादा मौतें नाली और कीचड़ भरे खेत में गिरकर हुई।
नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा ने हाथरस में भगदड़ के चार दिन बाद शनिवार को न्यूज एजेंसी एएनआई के जरिए वीडियो जारी किया था। भोले बाबा ने कहा था कि इस हादसे पर उनको दुख है और जिसने गड़बड़ी की, उसे कड़ा दंड मिलने की उम्मीद है। बता दें कि भोले बाबा के सत्संग के लिए आयोजकों ने 80000 लोगों के आने की मंजूरी एसडीएम से ली थी, लेकिन वहां ढाई लाख लोग पहुंच गए थे। कई प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि भोले बाबा के चरण रज लेने का एनाउंसमेंट स्टेज से किया गया था। जिसके बाद ही भगदड़ मची। उस भगदड़ में 121 लोगों की जान गई थी। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे थे।