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Scam In BMC: बढ़ सकती है उद्धव की मुश्किलें, बीएमसी में 12500 करोड़ के घोटाले की जांच के लिए एसआईटी बनी, फडणवीस बोले- हर पाई वापस लेंगे

दरअसल, बीएमसी का बजट बहुत ज्यादा होता है। बीएमसी पर उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट का बहुमत है। उद्धव की करीबी किशोरी पेडनेकर बीएमसी की मेयर रही हैं। बात करें बीएमसी के सालाना बजट की, तो ये 37000 करोड़ से भी ज्यादा है। ऐसे में बड़े घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता।

मुंबई। उद्धव ठाकरे नई मुश्किल में फंसते दिख रहे हैं। महाराष्ट्र की एकनाथ शिंदे सरकार ने बृहन्नमुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में अरबो रुपए के घोटाले की जांच एसआईटी से कराने का फैसला किया है। ये एलान महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को किया। उन्होंने आरोप लगाया कि कंपट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल (सीएजी) ने रिपोर्ट में कहा है कि बीएमसी में 12500 करोड़ का घोटाला हुआ है। देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि जो पैसा तुमने अपनी तिजोरी में भरा है, एसआईटी के जरिए उसका पाई-पाई वसूलने का काम हमारी सरकार करेगी। सुनिए, देवेंद्र फडणवीस का बयान।

दरअसल, बीएमसी का बजट बहुत ज्यादा होता है। बीएमसी पर उद्धव ठाकरे के शिवसेना गुट का बहुमत है। उद्धव की करीबी किशोरी पेडनेकर बीएमसी की मेयर रही हैं। बात करें बीएमसी के सालाना बजट की, तो ये 37000 करोड़ से भी ज्यादा है। बीएमसी का ये बजट केरल, ओडिशा, हिमाचल प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड समेत 16 राज्यों के बजट से भी ज्यादा है। ऐसे में बड़े घोटाले की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। सीएजी ने जांच कर अगर बीएमसी में घोटाला पाया है, तो इसे हवा-हवाई भी नहीं ठहराया जा सकता। क्योंकि सीएजी तो सभी दस्तावेज देखने के बाद ही अपनी रिपोर्ट में हर चीज बताता है।

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बीएमसी पूरे मुंबई को देखती है। मुंबई में 227 वार्ड हैं। उद्धव ठाकरे के सीएम रहते महाविकास अघाड़ी सरकार ने नवंबर 2021 में बीएमसी के वार्डों की संख्या बढ़ाकर 236 करने का फैसला किया था। बाद में एकनाथ शिंदे की सरकार ने वार्डों की संख्या 227 रखने का ही अध्यादेश जारी कर दिया। मामला कोर्ट तक पहुंचा। बीएमसी के चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में वहां भ्रष्टाचार और घोटाले के खेल का पर्दाफाश अगर शिंदे सरकार की एसआईटी करती है, तो इससे उद्धव ठाकरे और उनके गुट के नेताओं के लिए बीएमसी चुनाव में जनता के सामने अपनी सफाई देना मुश्किल पड़ सकता है।