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Election Commission: बीजेपी-कांग्रेस के स्टार प्रचारकों पर सख्त मूड में चुनाव आयोग, धर्म, जाति, संप्रदाय पर अगर की बयानबाजी तो देना पड़ेगा जवाब

Election Commission: चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अपनी-अपनी पार्टी की तरफ से इसको लेकर एक औपचारिक नोट जारी करने का निर्देश दिया है। इसमें ये कहा गया है कि वे अपने स्टार प्रचारकों से भाषणों के दौरान सावधानी और मर्यादा बरतने की पूरी कोशिश करें।

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 का पांचवां चरण पूर्ण हो चुका है। इस बीच I.N.D.I.A गठबंधन और NDA के बड़े नेता लगातार प्रचार में जुटे हुए हैं। छठवें चरण के चुनाव से पहले बीजेपी और कांग्रेस दोनों के स्टार प्रचारक एक दूसरे के खिलाफ सियासी बयानबाजी में भी जी जान से लगे हैं। कभी पीएम मोदी राहुल गांधी पर निशाना साधते हैं तो कभी राहुल गांधी पीएम मोदी पर तीखे सवाल दागते नजर आते हैं। लेकिन इस बीच एक मर्यादा का बारीक का अंतर कब खत्म हो जाता है, कभी-कभी ये भी पता नहीं चलता है। एक समय था जब अटल बिहारी वाजपेई, जवाहर लाल नेहरु जैसे नेता सियासत में मर्यादा की इस बारीक डोर को समझते भी थे और उसका सम्मान भी करते थे। लेकिन अब तेजी से बदलती राजनीतिक दुनिया में ये कम ही नजर आता है। इसी के चलते कई बार एक दूसरे के खिलाफ अभद्र भाषा का तक का इस्तेमाल कर देते हैं। इसी पर अब इलेक्शन कमिशन ने सख्ती दिखाई है। चुनाव आयोग ने दोनों बड़ी पार्टियों के स्टार प्रचारकों के बयानों को संज्ञान में लेते हुए संयम बरतने का निर्देश दिया है।

चुनाव आयोग ने भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से अपनी-अपनी पार्टी की तरफ से इसको लेकर एक औपचारिक नोट जारी करने का निर्देश दिया है। इसमें ये कहा गया है कि वे अपने स्टार प्रचारकों से भाषणों के दौरान सावधानी और मर्यादा बरतने की पूरी कोशिश करें।


चुनाव आयोग ने ये साफ़ तौर पर निर्देश में कहा है कि भाषणों के दौरान किसी भी तरह से जाति, धर्म, समुदाय, भाषा आदि के नाम पर प्रचार ना करें। आयोग ने कहा है कि भाजपा और उसके स्टार प्रचारक धार्मिक और सांप्रदायिक बयानबाजी ना करें। इससे समाज के विभाजित होने का खतरा बना रहता है। इसके साथ ही इसी प्रकार का निर्देश कांग्रेस के स्टार प्रचारकों के लिए भी दिया गया है। कांग्रेस के लिए निर्देश में कहा गया है कि वो राजनीतिक फायदे के लिए अग्निवीर, रक्षा बलों के नाम का उपयोग ना करें। इसके साथ ही रक्षा बलों की सोशल-इकॉनोमिक स्ट्रक्चर के बारे में बयान ना दें।