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Shiv Sena: शिवसेना का ‘तीर-धनुष’ किसका? उद्धव और एकनाथ शिंदे के दावों पर आज सुनवाई करेगा चुनाव आयोग

शिवसेना में इस साल मई में बगावत हुई थी। तब एकनाथ शिंदे 55 में से 39 विधायकों के साथ अलग हो गए थे। बीजेपी की मदद से उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम पद से उद्धव ठाकरे को हटाकर खुद सत्ता संभाल ली थी। जिसके बाद शिवसेना के 12 सांसद भी शिंदे के पक्ष में आ गए थे।

नई दिल्ली। शिवसेना के लिए आज अहम दिन है। आज शिवसेना के चुनाव चिन्ह के बारे में चुनाव आयोग सुनवाई करने वाला है। आयोग ने पहले ही उद्धव ठाकरे गुट और एकनाथ शिंदे गुट को शिवसेना का चुनाव चिन्ह ‘तीर और धनुष’ का इस्तेमाल करने से रोक दिया था। अंधेरी विधानसभा उपचुनाव के दौरान दोनों गुटों को अलग-अलग चुनाव चिन्ह आवंटित किया गया था। आज आयोग में दोनों पक्षों की ओर से शिवसेना के चुनाव चिन्ह पर दावा करने के पक्ष में सबूत दिए जाएंगे। उद्धव ठाकरे कह रहे हैं कि शिवसेना का चुनाव चिन्ह उनसे कोई नहीं छीन सकता, लेकिन एकनाथ शिंदे गुट खुद को असली शिवसेना होने का दावा करते हुए चुनाव आयोग में सभी दस्तावेज दे चुका है।

shiv sena flag

शिवसेना में इस साल मई में बगावत हुई थी। तब एकनाथ शिंदे 55 में से 39 विधायकों के साथ अलग हो गए थे। बीजेपी की मदद से उन्होंने महाराष्ट्र के सीएम पद से उद्धव ठाकरे को हटाकर खुद सत्ता संभाल ली थी। जिसके बाद शिवसेना के 12 सांसद भी शिंदे के पक्ष में आ गए थे। अपने साथी विधायकों, सांसदों और जिला इकाइयों से शिंदे ने पक्ष में समर्थन देने की चिट्ठियां चुनाव आयोग को दी हैं। उद्धव ठाकरे गुट ने भी ऐसी ही चिट्ठियां आयोग को सौंपी हैं। इन सभी दस्तावेजों की पड़ताल करने के बाद आज चुनाव आयोग सुनवाई करने जा रहा है।

election commission

15 नवंबर को दिल्ली हाईकोर्ट ने शिवसेना के नाम और चुनाव चिन्ह के इस्तेमाल पर रोक लगाने के चुनाव आयोग के आदेश के खिलाफ उद्धव की अर्जी खारिज कर दी थी। जस्टिस संजीव नरूला ने अपने आदेश में कहा था कि ये शिवसेना के दोनों गुटों और आम लोगों के हित में होगा कि पार्टी के धनुष और तीर वाले चुनाव चिन्ह और नाम पर अभी रोक लगी रहे। साथ ही चुनाव आयोग जल्दी ही इस मामले में अपनी कार्यवाही पूरी कर फैसला सुनाए। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट से भी उद्धव ठाकरे को कोई राहत शिंदे गुट के बगावत के मामले में नहीं मिल सकी थी।