नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के डोडा जिले में बुधवार, 14 अगस्त को हुई मुठभेड़ में भारतीय सेना के एक वीर कैप्टन ने अपने प्राणों की आहुति दे दी, जबकि चार आतंकियों को मार गिराया गया। अधिकारियों के अनुसार, इस मुठभेड़ में चार आतंकवादियों के मारे जाने की संभावना जताई गई है। शहीद कैप्टन 48 राष्ट्रीय राइफल्स से जुड़े हुए थे। सेना की व्हाइट नाइट कॉर्प्स ने जानकारी दी है कि इलाके में आतंकियों की तलाश के लिए बड़े पैमाने पर अभियान जारी है, जिसमें भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए गए हैं। सूत्रों के अनुसार, सुरक्षाबलों को गुप्त सूचना मिली थी कि उधमपुर जिले के पटनीटॉप और डोडा के असर के जंगलों में कुछ आतंकी छिपे हुए हैं। इसके बाद इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। मंगलवार शाम 7:00 से 8:00 बजे के बीच सुरक्षाबल उन कमरों तक पहुंचे, जहां आतंकी ठहरे हुए थे। वहां उन्होंने देखा कि आतंकी अपने हथियार और गोला-बारूद के साथ सोए हुए थे।
आतंकियों ने सुरक्षाबलों को देखते ही की फायरिंग
सुरक्षाबलों के वहां पहुंचते ही आतंकी घबरा गए और उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। इसके जवाब में सुरक्षाबलों ने भी मोर्चा संभाला और गोलियों की बौछार शुरू कर दी। खुद को घिरता देख आतंकियों ने वहां से भागने की कोशिश की, लेकिन हड़बड़ाहट में वे अपनी M4 कार्बाइन और कुछ गोला-बारूद वहीं छोड़ गए। सुरक्षाबलों ने तुरंत ही उन हथियारों को बरामद कर लिया और इलाके को सुरक्षित कर लिया।
जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी गतिविधियाँ
पिछले कुछ हफ्तों से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों में तेजी आई है। पहले आतंकी हमले मुख्य रूप से घाटी में होते थे, लेकिन अब जम्मू क्षेत्र में भी आतंकियों की सक्रियता बढ़ गई है। हाल के दिनों में सेना के काफिलों पर घात लगाकर हमले की घटनाएं बढ़ी हैं, जो सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती बन चुकी हैं।
🚨BREAKING: An encounter in Doda’s Assar area has led to a joint search operation by the Indian Army and J&K police.
Forces recovered an M4 carbine, three rucksacks, and found bloodstains at the site. The operation is ongoing. #Doda pic.twitter.com/0MHGKBfRQ6
— Beats in Brief (@beatsinbrief) August 14, 2024
रक्षा मंत्री ने बुलाई उच्च स्तरीय बैठक
इन बढ़ते आतंकी हमलों के मद्देनजर, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक बुलाई। इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजित डोभाल, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी, डीजीएमओ और सुरक्षा एजेंसियों के शीर्ष अधिकारी मौजूद थे। बैठक में आतंकियों से निपटने के लिए रणनीति तैयार करने पर चर्चा की गई।