Maharashtra: ED के जाल में फंसे उद्धव ठाकरे के एक और मंत्री, मनी लॉन्ड्रिंग केस में अनिल परब के ठिकानों पर छापे
ईडी की ताजा कार्रवाई दापोली में साल 2017 में परब की ओर से 1 करोड़ रुपए जमीन की खरीदारी में धनशोधन के आरोपों पर है। इस जमीन की रजिस्ट्री साल 2019 में हुई थी। इसके अलावा अनिल परब के खिलाफ कई अन्य मामले भी हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार के मंत्रियों पर केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई लगातार जारी है। ताजा मामला परिवहन मंत्री अनिल परब का है। प्रवर्तन निदेशालय ED ने आज अनिल परब के मुंबई, पुणे और दापोली स्थित 7 ठिकानों पर छापे मारे हैं। ये छापे दापोली इलाके में एक जमीन सौदे में कथित अनियमितता के आरोप में मारे गए हैं। ईडी का आरोप है कि जमीन सौदे में मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। ईडी ने इस मामले में नई एफआईआर दर्ज की थी। इससे पहले ईडी ने उद्धव सरकार के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख और अल्पसंख्यक मंत्री नवाब मलिक पर ऐसी ही कार्रवाई कर उन्हें जेल भिजवाया था।
अनिल पबर की उम्र 57 साल है। वो महाराष्ट्र विधान परिषद में तीसरी बार शिवसेना विधायक चुने गए थे। ईडी की ताजा कार्रवाई दापोली में साल 2017 में परब की ओर से 1 करोड़ रुपए जमीन की खरीदारी में धनशोधन के आरोपों पर है। इस जमीन की रजिस्ट्री साल 2019 में हुई थी। इसके अलावा अनिल परब के खिलाफ कई अन्य मामले भी हैं। ईडी ने आरोप लगाया है कि परब ने जिस जमीन का सौदा किया, उसे बाद में मुंबई के एक केबल ऑपरेटर सदानंद कदम को 2020 में 1 करोड़ 10 लाख रुपए में बेचा गया। इस दौरान जमीन पर रिजॉर्ट भी बनाया गया था।
इससे पहले इसी जमीन के मामले में इनकम टैक्स विभाग ने भी जांच की थी। इनकम टैक्स विभाग ने आरोप लगाया था कि रिजॉर्ट को बनाने का काम साल 2017 में शुरू हुआ और इस पर 6 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च किए गए। पूर्व मंत्री अनिल देशमुख से जुड़े एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी पहले भी अनिल पबर से पूछताछ भी कर चुकी थी। तब भी परब ठीक जवाब नहीं दे सके थे। इसके बाद ईडी ने ताजा एफआईआर की और उसके नतीजे में आज की कार्रवाई है।