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Uttarakhand: ‘क़स्बा खाली कर दो नहीं तो..लड़की के अपहरण के प्रयास के बाद उत्तरकाशी में मुस्लिमों की दुकानों पर चस्पा किए गए पोस्टर

Uttarakhand: पोस्टरों को हटा दिया है और उन्हें चिपकाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर रहे हैं. इसका मतलब है कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को दंडित करने की कोशिश करेगी। दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता वीरेंद्र राणा ने बताया कि पोस्टरों को स्थानीय लोगों ने चिपकाया है और उन्हें एक विशेष समुदाय के सदस्यों के सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए शहर छोड़ देने की इच्छा है। वे इस घटना को एक हिंदू-मुस्लिम विवाद के रूप में देख रहे हैं।

नई दिल्ली। कुछ दिनों पहले उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में पड़ने वाले पुरोला क्षेत्र में अल्पसंख्यक समुदाय के एक व्यक्ति सहित 2 लोगों द्वारा एक नाबालिग लड़की के अपहरण का प्रयास किया गया था जो विफल हो गया था। इस पूरे मामले ने उत्तरखाशी जिले में खूब तूल पकड़ा था। इस घटना के कुछ ही दिन बाद मुसलमानों की दुकानों पर धमकी भरे पोस्टर चिपके हुए दिखाई दिए हैं। इस पोस्टरों में अल्पसंख्यक समुदाय को धमकाते हुए लिखा गया है कि वो तुरंत ही पुरोला को छोड़कर चले जाएं।

वहीं इस पूरे मामले पर पुरोला के थाना प्रभारी खजान सिंह चौहान ने अधिक जानकारी देते हुए बताया कि रविवार देर शाम दुकानों पर ये पोस्टर चिपकाए गए थे, हम मामले की जांच कर रहे हैं। सामाजिक सौहार्द को बिगड़ने के मकसद से ये काम किया गया है। इन धमकी भरे पोस्टरों में मुस्लिम व्यापारियों से 15 जून तक पुरोला को छोड़ने के लिए कहा गया है। बताया गया है कि इसी दिन ‘देवभूमि रक्षा अभियान’ द्वारा एक महापंचायत का आयोजन कराया जाएगा। आपको बता दें कि इन धमकी भरे पोस्टरों पर लिखा गया है कि “लव जिहादियों को सूचित किया जाता है कि वे 15 जून को होने वाली महापंचायत से पहले दुकानें खाली कर दें। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो केवल समय ही बताएगा कि क्या होगा।” इसके बाद से ही मुस्लिम समुदाय वहां डरा हुआ महसूस कर रहा है, धमकी भरे पोस्टरों के चलते कुछ लोगों ने पुरोला को छोड़ भी दिया है।

पुलिस अधीक्षक अर्पण यदुवंशी ने पोस्टरों को हटा दिया है और उन्हें चिपकाने वाले असामाजिक तत्वों की पहचान कर रहे हैं. इसका मतलब है कि पुलिस इस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को दंडित करने की कोशिश करेगी। दक्षिणपंथी विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के नेता वीरेंद्र राणा ने बताया कि पोस्टरों को स्थानीय लोगों ने चिपकाया है और उन्हें एक विशेष समुदाय के सदस्यों के सुरक्षा और सामाजिक सौहार्द को बनाए रखने के लिए शहर छोड़ देने की इच्छा है। वे इस घटना को एक हिंदू-मुस्लिम विवाद के रूप में देख रहे हैं।

पुरोला की घटना पर सीएम पुष्कर धामी ने कहा कि ‘लव जिहाद या लैंड जिहाद जैसा कुछ नहीं होने देंगे’ ‘किसी को कानून हाथ में लेने की इजाजत नहीं है’ ‘उत्तराखंड शांत प्रदेश है, सब मिल जुलकर रहते हैं’