श्रीनगर। कश्मीर के आईजी विजय कुमार ने गुरुवार को यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए हिजबुल और जैश के आतंकी समूह ने अपनी कार पर 40 से 45 किलोग्राम का आईईडी (विस्फोटक) लगाया। उन्होंने कहा कि हमलावर दो चेक प्वाइंटों को पार करने के बाद अपने वाहन को छोड़कर मौके से भागने में कामयाब रहा।
उन्होंने कहा, “कार के बारे में सूचना मिलने पर हमने नाके के लिए बिंदू (चेक प्वाइंट्स) तैयार किए। चेताने के लिए सुरक्षाबलों ने एक दो राउंड गोलियां चलाईं। हालांकि, वाहन चालक नहीं रुका और अगले नाके पर कार को फिर रोका गया, फिर चेतावनी फायर किया गया। लेकिन हमलावर अंधेरे का फायदा उठाकर भागने में कामयाब रहा।”
He (Adil) intended to target vehicles of security forces. We are calling expert teams from the outside. We suspect that the vehicle was carrying 40-45 kg of explosives: Vijay Kumar, IG Police Kashmir on #Pulwama https://t.co/EEedE7LZJ1
— ANI (@ANI) May 28, 2020
उन्होंने कहा कि घेरा कड़ा कर दिया गया और सुबह बम निरोधक दस्ता मौके पर पहुंचा और उसने पाया कि वाहन विस्फोटक से भरा हुआ है। आईजी ने कहा, “पुलिस, सीआरपीएफ और सेना की टीमें मौके पर पहुंचीं और आईईडी को डिफ्यूज कर एक बड़ी त्रासदी को टाला गया।”
उन्होंने कहा कि जैश के आतंकवादी ‘जंग-ए-बदर’ के दिन इस तरह के हमले को अंजाम देने की कोशिश कर रहे हैं, इसका पुलिस को खुफिया इनपुट मिला था। उन्होंने कहा, “शुरू में ऐसा लग रहा था कि वाहन में 25 किलोग्राम विस्फोटक होगा, लेकिन कार का मलबा हवा में 50 मीटर ऊपर तक गया, जिससे लग रहा है कि इसमें 40 से 45 किलो विस्फोटक का उपयोग किया गया है।”
इस बीच आईएएनएस से बात करते हुए जम्मू एवं कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि आईईडी बनाने और सैंट्रो कार पर इसे लगाए जाने के पीछे पाकिस्तानी आतंकवादी वलीद के होने की संभावना है। दिलबाग सिंह ने कहा, “वह फरार है और शायद कुलगाम में छिपा है।”
इससे पहले सुरक्षा बलों ने एक आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) से लदी कार को जब्त कर एक बड़ी त्रासदी को टाला। दक्षिण कश्मीर के पुलवामा जिले में विस्फोटक से भरी कार को सुरक्षा बलों के काफिले या रक्षा प्रतिष्ठान को निशाना बनाने के लिए रणनीतिक स्थान पर रखा गया था।
कार के भीतर एक नीले ड्रम में विस्फोटक को छिपा कर रखा गया था। बॉम्ब डिस्पोजल स्क्वायड गुरुवार सुबह मौके पर पहुंचा और आस-पास से लोगों को दूर जाने को कहा। इसके बाद बम निरोधक दस्ते ने फिर विस्फोटक को डिफ्यूज करने के बजाय वाहन को उड़ा दिया। अब तक की जांच में पता चला है कि सफेद रंग की सैंट्रो कार में एक दोपहिया वाहन की नंबर प्लेट थी, जो जम्मू के कठुआ निवासी के नाम पर पंजीकृत है।
गौरतलब है कि पिछले वर्ष 2019 के फरवरी माह में इसी तरह कार में विस्फोटक रखकर एक आतंकवादी ने आत्मघाती हमले को अंजाम दिया था। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए थे।