
मुंबई। पैगंबर पर कथित रूप से विवादित टिप्पणी करने वाली बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा का पक्ष लेना मुंबई के एक युवक साद अश्फाक अंसारी पर भारी पड़ गया। साद ने अपने इंस्टाग्राम पोस्ट में नूपुर को बहादुर कहा था और इस्लाम के नाम पर जारी हिंसा और आतंकवाद का विरोध किया था। साद अंसारी के फेसबुक पोस्ट पर हल्ला मच गया। उसके घर के बाहर कट्टरपंथी इकट्ठा हो गए। उन्होंने उसे पीटा और कलमा पढ़वाया। साद के खिलाफ भिवंडी थाने में भी शिकायत हुई और उसे गिरफ्तार भी कर लिया गया। इंजीनियरिंग के छात्र ने अपनी पोस्ट में लिखा था कि 50 साल का शख्स 6-9 साल की बच्ची से शादी करे, ये बाल शोषण है। मुझे नहीं पता कि लोग कैसे इसका समर्थन कर रहे हैं। सोचिएगा क्या आप अपनी 6 साल की बेटी 50 साल के आदमी को देंगे?
इसके अलावा साद ने एक और इंस्टाग्राम पोस्ट में लिखा था कि वो किसी मजहब को समर्थन नहीं देता और उसे सबसे नफरत है। साद ने लिखा था कि मैं सिर्फ ऐसी दुनिया में रहने से डरता हूं, जहां आपको और परिवार को मार दिया जाए, क्योंकि आपने एक ऐसे व्यक्ति के बारे में कुछ कहा, जिसका निधन कई साल पहले हो चुका है। साद ने आगे लिखा था कि ऐसे मजहब को छोड़ो, जो दुनिया में आतंक फैलाए और इंसान बनो। मैं जानता हूं कि ये सब पोस्ट करने के बाद मुझे कितनी नफरत झेलनी होगी। तुम लोग अब भी बच्चे ही हो।
इन पोस्ट पर भड़के लोग जब साद के घर पहुंचे, तो वो छिपा भी नहीं रहा। वो बाहर निकला और कट्टरपंथियों को समझाने और अपनी बात रखने की कोशिश की, लेकिन लोग उसकी बात सुनने के लिए तैयार नहीं थे। उन्होंने उसे कलमा पढ़ने के लिए कहा। जब साद ने कलमा पढ़ना शुरू किया, तो भीड़ में से किसी ने उसे थप्पड़ भी मारा। बाद में पुलिस उसे भिवंडी थाने ले गई। एक प्रदर्शनकारी ने तो ये तक कहा कि अगर ऐसी घटना दोबार घटित हुई तो कानून अपना काम करेगा और वे लोग अपना।