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Uttar Pradesh: किसानों की बढ़ी आय, तो योगी सरकार को भी हुआ बड़ा फायदा

Uttar Pradesh: इन भण्डारगृहों में कृषकों के उत्पादों को भण्डारित करने पर किसानों को एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) का लाभ प्राप्त होता है। किसान अपना जितना भी कृषि उत्पाद डब्लूडीआरए के अर्न्तगत भण्डारित करेगा, भण्डारगृह द्वारा उतनी मात्रा की एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) जारी कर किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी।

लखनऊ। कोरोना काल में जब पूरी दुनिया भयभीत और आशंकित थी, उस वक्त भी प्रदेश के किसानों के परिश्रम ने ना सिफ उनके भविष्य को सुरक्षित बनाया, बल्कि सरकार को फायदा कमा कर भी दिया। किसानों की आय को ढाई गुना करने के मिशन में जुटी योगी सरकार पर कोरोना काल में भी किसानों ने विश्वास जताते हुए रिकॉर्ड खाद्यान्न भंडारण किया, जिससे 2018 से लेकर 2021 तक सरकार को करीब चार करोड़ रुपये का लाभांश प्राप्त हुआ है। शुक्रवार को राज्य भंडारण निगम के अध्यक्ष और प्रदेश के सहकारिता राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जेपीएस राठौर ने मुख्यमंत्री को लाभांश 3,88,63,440 रुपये का चेक प्रदान किया। उप्र राज्य भण्डारण निगम की ओर से वर्ष 2018-19 में 90.36 करोड़ रुपए, वर्ष 2019-20 में 112.01 करोड़ रुपए एवं वर्ष 2020-21 में 165.53 करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित किया गया है।

CM Yogi Adityanath

168 भण्डारगृहों को डल्यूडीआरए में पंजीकृत कराया गया

निगम की ओर से बताया गया कि भारत सरकार एवं उत्तर प्रदेश सरकार की नीति के अनुरुप कृषकों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य की प्राप्ति के क्रम में 168 भण्डारगृहों को डल्यूडीआरए (भण्डारागार विकास विनियामक प्राधिकरण) में पंजीकृत कराया गया है। इन भण्डारगृहों में कृषकों के उत्पादों को भण्डारित करने पर किसानों को एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) का लाभ प्राप्त होता है। किसान अपना जितना भी कृषि उत्पाद डब्लूडीआरए के अर्न्तगत भण्डारित करेगा, भण्डारगृह द्वारा उतनी मात्रा की एनडब्लूआर (निगोशियेबिल वेयरहाउसिंग रसीद) जारी कर किसानों को उपलब्ध करायी जाएगी।

CM Yogi Adityanath

भण्डारण क्षमता में लगातार वृद्धि कर रही योगी सरकार

बता दें कि कृषक एनडब्लूआर को बंधक रखकर किसी भी बैंक से भण्डारित खाद्यान्न के सापेक्ष 90 प्रतिशत ऋण प्राप्त कर सकता है। इसके अलावा एनडब्लूआर को किसी अन्य को देकर उससे एनडब्लूआर में उल्लिखित कृषि उत्पाद का मूल्य भी प्राप्त कर सकता है। यही नहीं किसान अपने कृषि उत्पाद का उचित बाजार मूल्य होने पर ट्रेडिंग के माध्यम से देश की किसी भी मण्डी में अपनी उपज को बेच सकता है। निगम की ओर से बताया गया कि भण्डारण की समस्या के निदान के लिए योगी सरकार की योजनाओं के अर्न्तगत भारतीय खाद्य निगम से गारण्टी प्राप्त कर अपनी भण्डारण क्षमता में लगातार वृद्धि की जा रही है। वर्तमान समय में निगम की भण्डारण क्षमता लगभग 36.50 लाख मीट्रिक टन है तथा लगभग 7.80 लाख मीट्रिक टन क्षमता निमार्णाधीन है, जो शीघ्र ही भण्डारण के लिए उपलब्ध होगी। मुख्यमंत्री से मिलने वालों में प्रमुख सचिव सहकारिता विभाग, बीएल मीणा, निगम के प्रबन्ध निदेशक श्रीकान्त गोस्वामी, महाप्रबंधक दीपक सिंह, महाप्रबंधक (वित्त) संतोष श्रीवास्तव और मनोज कुमार सिंह शामिल रहे।