नई दिल्ली। दिल्ली (Delhi) की सीमाओं पर किसान आंदोलन का आज 33 वां दिन है। केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान संगठनों ने सरकार से बातचीत का फैसला किया है। किसान संगठनों ने 29 दिसंबर को सरकार से अगले दौर की बातचीत का प्रस्ताव दिया है। वहीं किसान आंदोलन को लेकर विपक्षी दल जमकर राजनीति कर रहा है। इतनी ही नहीं कई नेताओं ने किसानों को भड़काने का भी काम किया। जिसका सबसे ज्यादा खामियाज आम लोगों को उठाना पड़ा रहा है। इस बीच पंजाब के कई इलाकों में किसान के मोबाइल टावर तोड़ने के मामले सामने आए हैं।
दरअसल अंबानी और अडाणी के विरोध में पंजाब की कई जगहों पर रिलायंस जियो के टावर को नुकसान पहुंचाया गया जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर खास असर पड़ा। खबरों के मुताबिक अब तक कुल 1,411 टावर को तोड़ा जा चुका है। जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा। वहीं मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की अपील के बाद भी कोई खास असर नहीं हुआ है। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को प्रदर्शनकारी किसानों से इस प्रकार के कार्यों से आम लोगों को असुविधा नहीं पहुंचाने की अपील की। उन्होंने किसानों से कहा कि जिस संयम के साथ वे आंदोलन करते आए हैं, उसे बरकरार रखें।
Chief Minister @capt_amarinder Singh appeals to farmers not to disrupt state’s telecom services & inconvenience citizens. Chief Minister urges them to show same restraint & discipline as they’d been exercising at Delhi border.
— CMO Punjab (@CMOPb) December 25, 2020
खबरों के मुताबिक पंजाब में पिछले 24 घंटे में 176 से अधिक दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया। दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाने के पीछे यह कहानी कही जा रही है कि नये कृषि कानूनों से मुकेश अंबानी और गौतम अडाणी जैसे उद्योगपतियों को लाभ होगा। इस आधार पर पंजाब में विभिन्न स्थानों पर रिलायंस जियो के टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है जिससे दूरसंचार संपर्क व्यवस्था पर असर पड़ा।
एक सूत्र ने बताया कि पंजाब के विभिन्न स्थानों से दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाये जाने की सूचना है। उसने बताया कि जिन दूरसंचार टावरों को नुकसान पहुंचाया गया है, उनमें से ज्यादातर जियो और दूरसंचार उद्योग के साझा बुनियादी ढांचा सुविधाओं से जुड़े हैं। सूत्रों ने कहा कि हमलों का असर दूरसंचार सेवाओं पर पड़ा है और परिचालकों को पुलिस की तरफ से कार्रवाई नहीं होने के कारण सेवाओं को बहाल करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।