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LIVE: सरकार किसानों का मामला जल्द सुलझाएगी, विपक्ष इस पर राजनीति से दूर रहें: नरेंद्र सिंह तोमर

Farmers Protest : नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बुधवार को भी सातवें दिन भी जारी है। इस विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से तीसरे दौर की बातचीत किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाई।

नई दिल्ली। नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन बुधवार को भी सातवें दिन भी जारी है। इस विधेयक के खिलाफ सड़कों पर उतरे किसानों से तीसरे दौर की बातचीत किसी अंजाम तक नहीं पहुंच पाई। बता दें कि पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों के किसान दिल्ली कूच की तैयारी में है, जिसकी वजह से दिल्ली के बॉर्डर बंद कर दिए गए हैं।

Farmers Protest

अपडेट-

भारतीय किसान यूनियन को जो ड्राफ्ट देना था वो रात तक आएगा। हम इंतजार में हैं। जब उनका ड्राफ्ट आएगा तो हम कल उस पर चर्चा करेंगे : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर


कल 3 दिसंबर को किसान यूनियन के लोग आने वाले हैं, वो अपना पक्ष रखेंगे, सरकार अपना पक्ष रखेगी। देखते हैं कहां तक समाधान हो सकता है : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर


बैठक में जो भी विषय आएगा उसपर चर्चा होगी, कौन सी चीज कहां निराकरित की जा सकती है उसका क़ानूनी पक्ष देखा जाएगा, उसके बाद किसी निर्णय की दिशा तय होगी : केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर


गुपकार गैंग की एक नेता ने तिरंगे का अपमान किया और दूसरी तरफ कहा कि आतंकवादी घटना हो सकती है, बंदूक उठाई जा सकती है। 2 दिन बाद ही बन टोल प्लाजा पर आतंकवादियों को मार गिराया गया, सुरंग पकड़ी गई यह दिखाता है कि कहीं न कहीं तार जुडे़ रहते हैं : केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर


कुछ ताकतें किसानों को गुमराह कर रही हैं। हमने तो किसान भाइयों को वो ताकत दी है जिससे आप मंडी में फसल बेच सकते हैं और चाहें तो मंडी के बाहर किसी भी व्यक्ति को फसल बेच सकते हैं। कहीं भी, किसी भी दाम पर फसल बेचने की आज़ादी मोदी जी ने दी है : केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर


सरकार का प्रयास है कि किसानों को विश्वास दिलाया जाए कि कृषि क़ानून किसानों के हित में है। विपक्ष ने किसानों को भ्रमित करने का काम किया है। पंजाब में कांग्रेस की सरकार है, वहां के लोग कांग्रेस द्वारा उकसाए हुए हैं : हरियाणा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा

किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए हरियाणा के जींद में खाप पंचायतों ने दिल्ली कूच शुरू कर दिया है। इन खाप पंचायतों का कहना है कि अगर 3 दिसंबर को सरकार से बात नहीं बनती है, तो फिर वो दिल्ली जाने वाले फल, दूध, सब्जियों की सप्लाई बंद कर देंगे।

चंडीगढ़ में यूथ कांग्रेस ने मुख्यमंत्री मनोहर लाल के खिलाफ हल्ला बोल दिया है। यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की डिमांड है कि सीएम को किसानों से माफी मांगनी चाहिए, जिस तरह हरियाणा में किसानों पर बल प्रयोग किया गया है वो गलत है। इस दौरान पुलिस ने यूथ कांग्रेस के लोगों पर पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किसान आंदोलन को लेकर एक बार फिर मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, मोदी सरकार, – किसानों को जुमले देना बंद करें- बेईमानी-अत्याचार बंद करें – बातचीत का ढकोसला बंद करें – किसान-मज़दूर विरोधी तीनों काले क़ानून ख़त्म करें।

मोदी सरकार,

– किसानों को जुमले देना बंद करें
– बेईमानी-अत्याचार बंद करें
– बातचीत का ढकोसला बंद करें
– किसान-मज़दूर विरोधी तीनों काले क़ानून ख़त्म करें।

तृणमूल कांग्रेस के नेता सौगत रॉय ( Sougata Roy) ने कहा कि आंदोलनरत किसान कृषि कानून वापस लेने पर अड़े हुए हैं। मुझे लगता है कि सरकार को इसे वापस लेना पड़ेगा। इन कानूनों का अंतरराष्ट्रीय असर भी होगा। मैंने कल समाचार में देखा था कि कनाडा के पीएम ने किसानों के आंदोलन का समर्थन किया है।

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों नरेंद्र सिंह तोमर और पीयूष गोयल के साथ बुधवार सुबह से बैठक का एक और दौर आयोजित कर रहे हैं ताकि किसानों की मांगों को हल करने के लिए भविष्य के कदमों पर चर्चा की जा सके।

 

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनकारी किसान ने बताया,”हमारी मांग है कि कृषि कानूनों को रद्द किया जाए और MSP पर सरकार बात करें। सरकार जल्द से जल्द इस कानून को रद्द करें नहीं तो हम दिल्ली के सारे हाईवे को ज़ाम कर देंगे।”

दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने बताया है कि किसान आंदोलन को देखते हुए टिकरी बॉर्डर, झारोदा बॉर्डर, झटिकरा बॉर्डर किसी भी ट्रैफिक मूवमेंट के लिए बंद हैं।बदुसराय बॉर्डर केवल दोपहिया यातायात के लिए खुला है।

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बैरिकेड्स गिराए।

किसान मज़दूर संघर्ष कमेटी के सदस्य ने कहा कि हमारी जो कल बैठक हुई उसमें सरकार ने एक कमेटी बनाने की बात कही,लेकिन हमने पहले भी देखा है कि देश में कुछ भी घपला होता है तो उसके लिए कमेटी बनती है लेकिन आज तक किसी भी कमेटी का हल नहीं निकला इसलिए हमारी मांग है कृषि कानूनों को जल्दी रद्द किया जाए।