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Cheetah Birth In Kuno: मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता ज्वाला ने 3 शावकों को दिया जन्म, देखिए नए मेहमानों का Video

Cheetah Birth In Kuno: ज्वाला ने पहले भी शावकों को जन्म दिया था। वहीं, बीते दिनों मादा चीता आशा ने भी शावकों को जन्म दिया। इससे प्रोजेक्ट चीता के लिए कूनो से लगातार अच्छी खबर आ रही है। हालांकि, यहां अब तक 7 चीतों की असमय मौत भी हो चुकी है।

कूनो (मध्यप्रदेश)। कूनो नेशनल पार्क से अच्छी खबर आई है। यहां मादा चीता ज्वाला ने 3 शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले बीती 3 जनवरी को मादा चीता आशा ने भी 3 शावकों को जन्म दिया था। कूनो में इसके साथ ही चीता के नए शावकों की संख्या 7 हो गई है। चीता प्रोजेक्ट के लिए ये शानदार खबर है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने एक्स पर नए चीता शावकों का वीडियो शेयर किया है। भूपेंद्र यादव ने इस मौके पर वन्यजीव प्रेमियों और जंगली जानवरों के लिए काम करने वालों को बधाई दी है। उन्होंने उम्मीद जताई है कि देश में इसी तरह जंगली जानवर फलते-फूलते रहेंगे।

कूनो नेशनल पार्क में पीएम नरेंद्र मोदी ने 17 सितंबर 2022 को सबसे पहले चीतों को बाड़ों में छोड़ा था। ज्वाला ने दूसरी बार शावकों को जन्म दिया है। इससे पहले 27 मार्च 2022 को ज्वाला ने 4 शावकों को जन्म दिया था। इनमें से 3 की मौत हो गई और एक शावक बच गया। कूनो नेशनल पार्क में अब तक 20 चीता लाए गए। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से ये चीते लाए गए थे। जिन चीतों को लाया गया, उनमें से अब तक 7 की मौत हो गई है। चीता प्रोजेक्ट को फिर शुरू किए जाने के बाद लगातार शावकों का जन्म होना इस प्रोजेक्ट के लिए अच्छा है। चीता के शावकों को बचाना टेढ़ी खीर होता है। दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया में भी चीता के कुल पैदा होने वाले शावकों में से 80-90 फीसदी की तमाम कारणों से मौत होती है।

pm modi and cheetah

कूनो नेशनल पार्क में आने वाले समय में दक्षिण अफ्रीका और नामीबिया से और भी चीते लाए जाने की योजना है। चीतों की संख्या जब काफी बढ़ जाएगी, तो उनको देश के अलग-अलग हिस्सों के जंगलों में छोड़ा जाएगा। भारत में भी पहले एशियाई चीते पाए जाते थे, लेकिन आजादी के बाद ही आखिरी चीते की मौत हो गई थी। इसके बाद ईरान से चीते लाने की योजना बनी, लेकिन वो योजना परवान नहीं चढ़ सकी। ईरान में भी बहुत कम चीता बचे हैं। वहां भी चीता की एशियाई प्रजाति पाई जाती है। एशियाई प्रजाति और अफ्रीकी प्रजाति के चीते में कुछ अंतर होते हैं।