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Budget: नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग को बजट में ये फायदे दे सकती हैं वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, हालांकि सब्सिडी पर कैंची चलने के आसार

निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग को राहत देने के संकेत दिए थे। पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमण ने कहा था कि वो खुद मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। मध्यमवर्ग की दिक्कतों का उनका अंदाजा है।

नई दिल्ली। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में आम बजट पेश करेंगी। वो लगातार 5वीं बार बजट पेश करने वाली हैं। इस बार बजट से नौकरीपेशा वर्ग ने काफी उम्मीद लगा रखी है। कोरोना के 2 साल नौकरीपेशा वर्ग के लिए मुश्किलों का सफर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक निर्मला सीतारमण इस बार बजट में कई तरह से नौकरीपेशा वर्ग को राहत दे सकती हैं, लेकिन उनकी कैंची सब्सिडी पर चलने के पूरे आसार हैं। नौकरीपेशा वर्ग की बात करें, तो उनकी बचत को बढ़ाने की तरफ वित्त मंत्री सीतारमण का बजट होने की उम्मीद है। इसके तहत सालाना 1.5 लाख की जगह 2.5 लाख तक की बचत टैक्स बचाने के लिए करने का प्रावधान वो बजट में कर सकती हैं।

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इसके अलावा नौकरीपेशा वर्गी की बड़ी मांग भी वित्त मंत्री मान सकती हैं। नौकरीपेशा वर्ग की मांग है कि स्टैंडर्ड डिडक्शन को 50000 से बढ़ाकर 1 लाख किया जाए। ऐसा करने से नौकरीपेशा वर्ग के हाथ में ज्यादा रकम होगी। इससे वे तमाम चीजें खरीदने के लिए खर्च भी कर सकेंगे। अगर लोग खर्च ज्यादा करेंगे, तो इस खरीदारी पर टैक्स से सरकार की झोली भी काफी भरेगी। सरकार अभी तमाम वित्तीय दबावों में है। पीएम गरीब कल्याण अन्न योजना सितंबर तक जारी है। इसपर भी सरकार का लाखों करोड़ खर्च हो रहा है। इसके अलावा राजकोषीय और बजट घाटा भी नियंत्रण में रखने का दबाव वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पर है।

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निर्मला सीतारमण ने पिछले दिनों नौकरीपेशा और मध्यमवर्ग को राहत देने के संकेत दिए थे। पत्रकारों से बात करते हुए सीतारमण ने कहा था कि वो खुद मध्यमवर्गीय परिवार से आती हैं। मध्यमवर्ग की दिक्कतों का उनका अंदाजा है। उन्होंने ये भी कहा था कि इसी वजह से सरकार ने नौकरीपेशा वर्ग और मध्यमवर्ग परिवारों पर अपने पिछले कई बजट में किसी तरह का दबाव नहीं डाला और न ही टैक्स की दरों में कोई बदलाव किया।