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Nityanand’s Kailasa : पहले कैलासा को लेकर UN में अर्जी, अब चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग को भेजा संदेश, क्या भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा नित्यानंद?

Nityanand’s Kailasa : उसके प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लिया था, जिसके बाद हड़कंप मच गया। हालांकि, बाद में संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा (USK) के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले सप्ताह जिनेवा में अपनी सार्वजनिक बैठकों में की गई प्रस्तुति अप्रासंगिक थी और इस पर विचार नहीं किया जाना आवश्यक नहीं है।

नई दिल्ली। बीते दिनों दुनिया भर में एक नाम चर्चा में रहा, वो नाम था नित्यानंद का कैलासा, एक देश के रूप में जब कैलासा की प्रतिनिधि यूनाइटेड नेशंस की मीटिंग में शामिल हुई तो लोगों के मन में सवाल उठने लगे कि आखिर कैलासा है क्या? भारत में रेप और किडनैपिंग जैसे गंभीर आरोप लगने के बाद देश छोड़कर भागा स्वयंभू संत नित्यानंद एक बार फिर से सुर्खियों में है। पिछले दिनों संयुक्त राष्ट्र में अपने तथाकथित देश कैलासा का प्रतिनिधि भेजने के बाद अब उसने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग को संदेश प्रेषित किया है।

आपको बता दें कि नित्यानंद ने जिनपिंग को राष्ट्रपति के तौर पर तीसरे कार्यकाल को लेकर बधाई दी है। ट्विटर के जरिए भेजे गए संदेश के बाद सवाल उठने लगे हैं कि क्या नित्यानंद अब भारत के पड़ोसी चीन से दोस्ती की फिराक में है या फिर वह कोई नई साजिश रचने की कोशिश कर रहा है। उल्लेखनीय है कि पिछले कई सालों से भारत और चीन के बीच रिश्ते अच्छे नहीं हैं। दोनों देशों के बीच सीमा विवाद को लेकर कई बार हिंसक झड़प तक हो चुकी है। माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर पर यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा के आधिकारिक अकाउंट से मैसेज किया गया है, ”संयुक्त राज्य कैलासा और हिंदू धर्म के सर्वोच्च धर्माध्यक्ष नित्यानंद की ओर से हम शी जिनपिंग को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के राष्ट्रपति के रूप में फिर से चुने जाने पर हार्दिक बधाई देते हैं।” ट्वीट में आगे कहा गया, “हम आपको राष्ट्रपति के रूप में एक सफल कार्यकाल के लिए अपनी शुभकामनाएं देना चाहते हैं। आपके महान देश, उसके लोगों और कैलासा के बीच लंबे समय तक चलने वाले मैत्रीपूर्ण संबंधों की उम्मीद लगा रहे हैं।”

इसके अलावा नित्यानंद की ओर से किए गए ट्वीट में यह भी कहा गया है कि, “परमशिव का आशीर्वाद चीन के लोगों पर शुभता, आर्थिक समृद्धि, शांति, प्रेम, स्वास्थ्य और खुशी के साथ बना रहे।” पिछले दिनों नित्यानंद का तथाकथित देश ‘यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ कैलासा’ (USK) चर्चा का विषय बन गया था। उसके प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में हिस्सा लिया था, जिसके बाद हड़कंप मच गया। हालांकि, बाद में संयुक्त राष्ट्र ने कहा था कि नित्यानंद द्वारा स्थापित तथाकथित यूनाइटेड स्टेट्स ऑफ़ कैलासा (USK) के प्रतिनिधियों द्वारा पिछले सप्ताह जिनेवा में अपनी सार्वजनिक बैठकों में की गई प्रस्तुति अप्रासंगिक थी और इस पर विचार नहीं किया जाना आवश्यक नहीं है।