newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Corona पर बड़ी खुशखबरी, पुणे के सीरम इंस्टीट्यूट से Covishield Vaccine की पहली खेप पहुंची दिल्ली

Corona Vaccine: कोरोनावायरस (Coronavirus) महासंकट के बीच देशभर में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। इसके मद्देनजर पुणे (Pune) के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) में बनने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की पहली खेप पुणे हवाई अड्डे से रवाना होकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।

नई दिल्ली। कोरोनावायरस (Coronavirus) महासंकट के बीच देशभर में 16 जनवरी से कोविड-19 टीकाकरण अभियान शुरू होने जा रहा है। इसके मद्देनजर पुणे (Pune) के सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) में बनने वाली कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) की पहली खेप पुणे हवाई अड्डे से रवाना होकर दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंच गई है।

पहली खेप को कड़ी सुरक्षा के बीच रवाना किया गया। तीन ट्रकों में कोविशील्ड वैक्सीन की खेप को पुणे इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचाया गया। एयरपोर्ट से इन्हें देश के अलग-अलग हिस्सों में पहुंचाया जाएगा।

पीएम मोदी ने मुख्यमंत्रियों संग की बैठक

गौरतलब है कि देश में कोरोना टीकाकरण अभियान से पहले सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की।मुख्यमंत्रियों संग बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि, हमारा देश कोरोना के खिलाफ लड़ाई में एक निर्णायक चरण में प्रवेश कर रहा है। ये चरण है वैक्सीनेशन का। 16 जनवरी से हम दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान शुरू कर रहे हैं।

PM Modi corona

इस अभियान को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, कोरोना की वैक्सीन सबसे पहले फ्रंट लाइन वर्कर्स को लगेगी। इसके बाद सफाई कर्मियों को टीका लगेगा। इसके बाद पुलिसकर्मियों, सुरक्षाकर्मियों, सुरक्षा बल के जवानों को कोरोना का वैक्सीनेशन होगा। दूसरे चरण में 50 वर्ष से ऊपर के लोगों और जो लोग संक्रमण के लिए ज्यादा संवेदनशील हैं, उन्हें टीका लगेगा।

PM Modi

उन्होंने कहा कि, हमारी कोशिश सबसे पहले उन लोगों तक कोरोना वैक्सीन पहुंचाने की है, जो देशवासियों की स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए हैं। इसके साथ-साथ जो दूसरे फ्रंट लाइन वर्कर्स हैं उन्हें भी पहले चरणों में टीका लगाया जाएगा।

पीएम मोदी ने कहा कि, भारत के लिए गौरव की बात है कि जिन दो वैक्सीन को इमरजेंसी यूज को लेकर मंजूरी मिली है, वो दोनों ही मेड इन इंडिया हैं। भारत को टीकाकरण का जो अनुभव है, जो दूर-सुदूर क्षेत्रों तक पहुंचने की व्यवस्थाएं हैं वो कोरोना टीकाकरण में बहुत काम आने वाली हैं।