नई दिल्ली। भारत में मंकीपॉक्स का एक संदिग्ध मामला सामने आया है, जिसमें एक युवा व्यक्ति को एमपॉक्स संक्रमण के संदिग्ध लक्षणों के बाद अस्पताल में आइसोलेशन में रखा गया है। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मरीज की हालत फिलहाल स्थिर है और उसके सैंपल को परीक्षण के लिए भेजा गया है, जिससे संक्रमण की पुष्टि की जा सके।प्रो
टोकॉल के तहत हो रही है मामले की निगरानी
सूचना और प्रसारण मंत्रालय (पीआईबी) की रिपोर्ट के अनुसार, इस मामले को स्थापित प्रोटोकॉल के तहत मैनेज किया जा रहा है। मरीज के संपर्क में आए लोगों की पहचान और देश के भीतर संक्रमण के प्रभाव का आकलन करने के लिए कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जा रही है। एनसीडीसी (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) द्वारा किए गए रिस्क असेसमेंट के अनुसार, यह मामला नियंत्रण में है और अनावश्यक चिंता का कोई कारण नहीं है।
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए उठाए गए कदम
भारत में मंकीपॉक्स के इस मामले के सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। सरकार ने राज्यों को अलर्ट रहने और किसी भी संभावित जोखिम से निपटने के लिए तैयार रहने की सलाह दी है। कोरोना वायरस के अनुभव से सबक लेते हुए सरकार ने कड़े उपाय किए हैं ताकि संक्रमण फैलने की आशंका को कम किया जा सके।
मंकीपॉक्स कैसे फैलता है?
स्वास्थ्य मंत्रालय की हाल ही में हुई बैठक में जानकारी दी गई कि मंकीपॉक्स का संक्रमण आमतौर पर 2-4 सप्ताह तक चलता है, और संक्रमित व्यक्ति उचित चिकित्सा देखभाल से ठीक हो जाता है। यह संक्रमण आमतौर पर संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क, यौन संपर्क, या शरीर से निकलने वाले तरल पदार्थ, घाव के संपर्क या उसके इस्तेमाल किए गए कपड़ों और बिस्तर से फैलता है।
मंकीपॉक्स के वैश्विक आंकड़े
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के आंकड़ों के अनुसार, जुलाई 2022 में मंकीपॉक्स को पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी ऑफ इंटरनेशनल कंसर्न (PHEIC) घोषित किया गया था, जिसे मई 2023 में समाप्त कर दिया गया। WHO ने बताया कि 2022 से अब तक 116 देशों से मंकीपॉक्स के 99,176 मामले सामने आए हैं और 208 लोगों की मौत हो चुकी है।