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Yogi Government: यूपी में विदेशी निवेश लाने की योगी सरकार की मुहिम ला रही है रंग, अबतक आए इतने प्रस्ताव

यूपी में कोरोना काल में भी योगी सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार प्रयासरत रही है। इसी का नतीजा है कि अब ये मुहिम रंग ला रही है और सूबे में घरेलू कंपनियों के साथ-साथ विदेशी निवेश भी मुमकिन हो सका है।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में विकास कार्यों में तेजी और विदेशी निवेश लाने की मंशा से लगातार काम कर रही योगी सरकार अब सफलता की तरफ बढ़ रही है। बता दें कि लोगों को रोजगार देना हो या विदेशी निवेश को यूपी में लाना हो, इन दोनों ही मोर्चों पर योगी सरकार अन्य सरकारों से आगे चल रही है। यूपी में निवेश बढ़ाने की योगी सरकार की मुहिम सफल हो रही है। इस मुहिम का असर आप इसी बात से समझ सकते हैं कि, जापान, यूके व दक्षिण कोरिया की कंपनियों ने यूपी में निवेश की इच्छा जताई है। गौरतलब है कि योगी सरकार ने राज्य में कोरोना काल में विदेशी निवेश लाने की मुहिम शुरू की थी जोकि अब परवान चढ़ रही है। बता दें कि यूपी में इस मुहिम के जरिए अबतक 7000 करोड़ रुपये के 26 निवेश प्रस्ताव आ चुके हैं। जबकि 31 प्रस्ताव जोकि 9000 करोड़ रुपये के हैं, वो घरेलू कंपनियों के हैं।

CM Yogi Security

इन सबने कंपनियों ने यूपी में निवेश की इच्छा जाहिर की है। वहीं जर्मनी, जापान, यूके व दक्षिण कोरिया की कंपनियां अपने प्रस्ताव को लेकर गंभीर हैं और यूपी सरकार के संपर्क में हैं। इतना ही नहीं निवेश को और बढ़ाने के लिए यूपी सरकार ने दर्जन भर से ज्यादा देशों के राजदूतों व उच्चायुक्तों के जरिए विदेशी निवेशकों से संपर्क किया और उन्हें निवेश के लिए प्रेरित कर चुकी है।

Yogi Cabinet Meeting

यह कंपनियां लॉजिस्टिक, इंडस्ट्रियल व आईटी पार्क, डाटा सेंटर, फूड प्रोसेसिंग के क्षेत्रों पर खास फोकस कर रही हैं। खाद्य व प्रसंस्करण के क्षेत्र में ब्रिटानिया 300 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ के निकट बाराबंकी या हरदोई में निवेश करना चाहता है। वहीं कैपिटल फूड 100 करोड़ व बाला जी वाफेरर्स 175 करोड़ रुपये की लागत से लखनऊ के नजदीक प्लांट लगाना चाहता है।

मतलब साफ है कि यूपी में कोरोना काल में भी योगी सरकार राज्य के विकास के लिए लगातार प्रयासरत रही है। इसी का नतीजा है कि अब ये मुहिम रंग ला रही है और सूबे में घरेलू कंपनियों के साथ-साथ विदेशी निवेश भी मुमकिन हो सका है।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कोरोना काल में नए निवेशकों को तुरंत सहयोग करने के लिए राज्य में हेल्पडेस्क बनाने व निवेशकों से सहयोग समन्वय करने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान कई विदेशी कंपनियों ने खाद्य प्रसंस्करण, मत्स्य पालन, डेयरी, आईटी व अन्य क्षेत्रों में निवेश के प्रस्ताव भेजे हैं। वहीं पिछले साढ़े तीन साल में 152 निवेश परियोजनाओं में वाणिज्यिक उत्पादन शुरू हो गया है। ये निवेश परियोजनाएं 49,147 करोड़ रुपए की हैं।

अगर विदेश निवेशों पर नजर डालें तो जापानी कंपनियों के निवेश प्रस्ताव मत्स्य पालन, सोलर पार्क, एग्रो पार्क आदि क्षेत्रों के लिए भी आ रहे हैं

विदेशों से प्रस्तावित निवेश –

जापान

याजाकी कार्प इंजेक्शन मोल्डिंग फैसिलिटी के क्षेत्र में 2000 करोड़ रुपये के निवेश की तैयारी कर रहा है
इसके लिए नोएडा ग्रेटर नोएडा को चुना गया है
इसके अलावा जापान की कंपनी मियाची कार्प भी यूपी में निवेश की योजना बना रहा है

जर्मनी –
वान वैलिक्स 25 करोड़ की लागत से फुटवियर निर्माण केंद्र खोलना चाहता है
इसके लिए उसने आगरा को चुना है

यूके –
एबी मौरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड ने 375 करोड़ से मध्यांचल में बेकरी प्लांट लगाने की योजना बनाई है

दक्षिण कोरिया –

एडीसन मोटर्स चार सौ करोड़ के निवेश तीन चरणों में करना चाहता है
वह यूपी में इलेक्ट्रिक व्हीकल निर्माण संयंत्र लगाने को इच्छुक है