नई दिल्ली। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को स्पष्ट किया कि भारत अमेरिका के राष्ट्रपति के साथ काम करने के लिए पूरी तरह से तैयार है, चाहे उस पद पर कोई भी हो। जयशंकर का यह बयान इंडियास्पोरा की प्रभाव रिपोर्ट के विमोचन के मौके पर आया। जयशंकर ने कहा, “हम आम तौर पर दूसरों के चुनावों पर टिप्पणी नहीं करते, क्योंकि हम यही उम्मीद करते हैं कि दूसरे लोग भी हमारे चुनावों पर टिप्पणी न करें। लेकिन अमेरिकी प्रणाली अपना फैसला सुनाएगी और हम पूरी तरह से विश्वास रखते हैं कि जो भी सरकार निर्वाचित होगी, हम उसके साथ काम करने में सक्षम होंगे।” विदेश मंत्री ने कहा कि पिछले 20 वर्षों के अनुभव से उन्हें पूरा भरोसा है कि भारत और अमेरिका के बीच सहयोग जारी रहेगा, चाहे अमेरिकी राष्ट्रपति कौन बने।
वैश्विक स्थिति पर विचार
जब उनसे वर्तमान वैश्विक स्थिति के बारे में पूछा गया, तो जयशंकर ने कहा कि दुनिया एक असाधारण कठिन दौर से गुजर रही है। उन्होंने यूक्रेन और इजरायल में चल रहे संघर्षों की ओर इशारा करते हुए कहा कि वह एक आशावादी व्यक्ति हैं जो समस्याओं के समाधान के बारे में सोचते हैं, लेकिन वर्तमान में स्थिति बेहद गंभीर है।
Addressed the Indiaspora gathering in New Delhi this morning.
Spoke about the role of the Indian diaspora in building the contemporary 🇮🇳 🇺🇸 Partnership.
The report on Small Community, Big Contributions & Boundless Horizons is an effective presentation of their notable… pic.twitter.com/vktUIByuRW
— Dr. S. Jaishankar (@DrSJaishankar) August 13, 2024
कोविड-19 का प्रभाव और भविष्य की चुनौतियाँ
जयशंकर ने यह भी उल्लेख किया कि कोविड-19 के प्रभाव से कई देश अभी तक पूरी तरह उबर नहीं पाए हैं। उन्होंने कहा, “मिडिल ईस्ट, यूक्रेन, दक्षिण पूर्व एशिया, और पूर्वी एशिया में हो रही घटनाएँ कोविड के निरंतर प्रभाव को दर्शाती हैं। जो लोग इससे बाहर आ चुके हैं, वे इसे हल्के में ले रहे हैं, लेकिन कई देश अभी भी इससे उबर नहीं पाए हैं।” उन्होंने वैश्विक आर्थिक चुनौतियों की ओर भी ध्यान दिलाया, जिसमें व्यापार कठिनाइयाँ, विदेशी मुद्रा की कमी और अन्य व्यवधान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न अस्थिरता भी वैश्विक समस्याओं में योगदान दे रही है, जिनके गंभीर परिणाम हो रहे हैं।