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China Map: पूर्व सेना प्रमुख मनोज मुकुंद नरवणे ने शेयर किया ऐसा नक्शा कि चीन की हवा हो गई टाइट, देखिए ऐसा क्या है मैप में

China Map: अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण जताने की चीन की जिद का भारत ने कड़ा विरोध किया है।

नई दिल्ली। भारतीय सेना के पूर्व प्रमुख, मनोज नरवणे ने मंगलवार, 12 सितंबर को एक नक्शा साझा किया, जिसमें वह चीन की वास्तविक क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं पर प्रकाश डालते हैं। यह खुलासा ऐसे समय में हुआ है जब चीन के हालिया मानचित्र जारी होने पर वैश्विक स्तर पर तीखी बहस छिड़ गई है। बीजिंग द्वारा 28 अगस्त को जारी किया गया नक्शा ताइवान, अक्साई चिन और अरुणाचल प्रदेश पर दावा करता है, जिस पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है। नरवणे का ट्वीट कई लोगों की भावनाओं को प्रतिबिंबित करता है, जो चीन के क्षेत्रीय दावों की प्रामाणिकता पर सवाल उठाता है।

Army Chief General Manoj Mukund Naravane

यह मानचित्र हांगकांग (सीओएचके), तिब्बत (सीओटी), दक्षिणी मंगोलिया (सीओएसएम), युनान (सीओटी), पूर्वी तुर्किस्तान (सीओईटी), और मंचूरिया (सीओएम) को चीन के अधिकार क्षेत्र के तहत क्षेत्रों के रूप में चित्रित करता है। ‘Co’ उपसर्ग ‘चीन अधिकृत’ का प्रतीक है। दूसरी ओर, ताइवान को ‘चीन गणराज्य (ताइवान)’ के रूप में प्रस्तुत किया जाता है। चीन लगातार इन इलाकों पर अपना दावा जताता रहा है।

अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन पर भारत का रुख
अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन के कुछ हिस्सों पर नियंत्रण जताने की चीन की जिद का भारत ने कड़ा विरोध किया है। विवादित क्षेत्र दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण रणनीतिक महत्व रखते हैं, जिससे यह क्षेत्रीय असहमति लंबे समय से विवाद का मुद्दा बनी हुई है।

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अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया

चीन के नवीनतम मानचित्र जारी करने की व्यापक अंतरराष्ट्रीय आलोचना हुई है। दुनिया भर के देशों ने चीन की बढ़ती क्षेत्रीय महत्वाकांक्षाओं पर चिंता व्यक्त की है और इन विवादों के राजनयिक समाधान का आग्रह किया है। चीन और पड़ोसी देशों के बीच क्षेत्रीय विवादों की जड़ें ऐतिहासिक रूप से गहरी हैं। दशकों के भूराजनीतिक तनाव ने क्षेत्रीय दावों के जटिल परिदृश्य को आकार दिया है, जिससे यह वैश्विक मंच पर एक विवादास्पद मुद्दा बन गया है।