
नई दिल्ली। चंद्रमा के दक्षिण ध्रुव पर सॉफ्ट लैंडिंग करके भारतीय वैज्ञानिकों ने अद्भुत कीर्तिमान स्थापित किया है, जिसकी चौतरफा तारीफ हो रही है। अमेरिका और रूस सरीखे देश भी आज भारतीय वैज्ञानिकों की काबिलियत के मुरीद हो चुके हैं। यहां तक की नासा जैसी स्पेस एजेंसी ने भी इसरो वैज्ञानिकों की प्रतिभा को सलाम किया है, लेकिन अफसोस हमारे देश में अब इसे लेकर राजनीतिक का सिलसिला शुरू हो चुका है। बीजेपी और कांग्रेस के बीच श्रेय लेने की होड़ मची हुई है। खैर, इन तमाम खींचतान के बीच इसरो के पूर्व वैज्ञानिक नंबी नारायण का बड़ा बयान सामने आया है। आइए, आगे आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं।
दरअसल, नंबी नारायम ने बिना किसी लागलपेट के दो टूक कह दिया कि पिछली सरकार वैज्ञानिकों की उपेक्षा करती थी। उन पर बजट नहीं खर्च किया जाता था। उन्हें नजरअंदाज किया जाता था। उनकी प्रतिभा को दरकिनार कर दिया जाता था। जिसका नतीजा ही होता था कि हमारे वैज्ञानिक कुछ कमाल नहीं कर पाते थे और हम अंतरिक्ष विज्ञान में पिछड़े थे। यहां तक की कई बार हमें मूलभूत आवश्यकताओं के लिए भी भटकना पड़ता था, लेकिन तत्कालीन सरकार को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता था। वहीं, चंद्रयान-3 की सफलता को लेकर राजनीतिक दलों में जारी सियासी खींचतान पर उन्होंने दो टूक कह दिया कि अगर प्रधानमंत्री मोदी इसका श्रेय नहीं लेंगे तो कौन लेगा।
जाहिर है कि जब तक किसी देश का प्रधानमंत्री अपने वैज्ञानिकों पर पैसा खर्च नहीं करेगा, तो वैज्ञानिक कुछ नहीं कर पाएंगे और यह कहने में मुझे कोर्ई गुरेज नहीं है कि इस सरकार ने वैज्ञानिकों को विशेष तरजीह दी है, जिसका नतीजा हमें चंद्रयान-3 की सफलता के रूप में देखने को मिला है। बता दें कि नंबी नारायण के इस वीडियो को बीजेपी ने भी अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है, जिसे लेकर राजनीति तेज हो चुकी है। अब आइए आगे जानते हैं कि नंबी नारायण कौन हैं?
Listen to former ISRO scientist Nambi Narayanan. This is a damning indictment of Congress regimes, who had different priorities, never prioritised space research, funds were not allotted, ISRO had no jeeps or cars for research work. They had just one bus, which moved in shifts…… pic.twitter.com/Cc1SP1PO3a
— BJP (@BJP4India) August 27, 2023
बता दें कि नंबी नारायण इसरो के वैज्ञानिक रह चुके हैं और समसामयिक मसलों पर अपनी राय खुलकर जाहिर करते हैं। 1941 में जन्मे नंबी नारायण ने एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में एमटेक की डिग्री हासिल की। इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वो फेलोशिप पर अमेरिका की प्रिंसटन यूनिवर्सिटी चले गए। वहीं, अमेरिका से वापस आने के बाद उन्होंने इसरो ज्वाइन किया था। उन्होंने विक्रम साराभाई, सतीश धवन और एपीजे अब्दुल कलाम के साथ भी किया है। इसके अलावा उन पर अंतरिक्ष विज्ञान से जु़ड़ी जानकारियों को आम लोगों के बीच साझा करने के भी आरोप लग चुके थे, जिसकी बाद में सीबीआई जांच भी हुई थी। मामला सुप्रीम कोर्ट भी पहुंचा, लेकिन कोर्ट ने उन्हें निर्दोष बताया। इसके बाद उन्हें केरल सरकार ने 1.3 करोड़ का हर्जाना भी दिया था। नंबी नारायण को विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धि प्राप्त करने को लेकर कई प्रकार के पुरस्कारों से भी पुरस्कृत किया जा चुका है।