नई दिल्ली। पूर्व सीबीआई निदेशक और मणिपुर व नागालैंड के पूर्व राज्यपाल अश्विनी कुमार ने शिमला में अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। अश्विनी कुमार जुलाई 2008 में सीबीआई के डायरेक्टर बनाए गए थे। खास बात यह थी कि वह सीबीआई डायरेक्टर बनने वाले हिमाचल प्रदेश के वह पहले पुलिस अफसर थे। सीबीआई डायरेक्टर के तौर पर अपने कार्यकाल को अंजाम देने के बाद मई 2013 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने उन्हें पहले नगालैंड का गवर्नर बनाया था। इसके बाद जुलाई 2013 में ही उन्हें मणिपुर का गवर्नर भी बना दिया गया था।
शिमला पुलिस की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई कि 70 वर्षीय अश्विनी कुमार अपने घर में फांसी के फंदे पर झूलते पाए गए। बता दें कि हिमाचल प्रदेश के सिरमौर निवासी अश्विनी कुमार 1973 बैच के IPS ऑफिसर थे। हिमाचल प्रदेश के DGP, CBI के डायरेक्टर समेत कई पदों पर उन्होंने काबिलियत का लोहा मनवाया। वह नागालैंड और मणिपुर के गवर्नर भी रहे थे।
अश्विनी कुमार ने साल 2006 में हिमाचल प्रदेश के डीजीपी के तौर पर कार्यभार संभाला था। पुलिस विभाग का सर्वेसर्वा बनने के बाद उन्होंने कई सुधार किए। हिमाचल पुलिस के डिजिटलीकरण और थाना स्तर पर कम्प्यूटर के उपयोग की शुरुआत अश्विनी कुमार ने ही करवाई थी। उन्हीं के कार्यकाल में शिकायतों के ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन जैसी व्यवस्था शुरू हुई, जिससे दूर-दराज के पहाड़ी इलाकों में रहने वाले लोगों को आसानी हुई और उन्हें थाने की बेवजह दौड़ लगाने की परेशानी से निजात मिली।