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पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल के भारत पहुंचते ही कह दी ये बड़ी बात

धनोआ ने कहा, “मैंने सौदे का बचाव इसलिए किया था कि मैं नहीं चाहता था कि यह बोफोर्स के रास्ते पर जाए। हम रक्षा खरीद प्रक्रिया के राजनीतिकरण के खिलाफ थे। यह वायुसेना की क्षमता सवाल था।”

नई दिल्ली। भारतीय वायुसेना की शक्ति में बढ़ोतरी हुई है। फ्रांस से उड़ान भरने के बाद पांच राफेल लड़ाकू विमान भारतीय जमीन में पहुंचे। हरियाणा के अंबाला एयरबेस में बुधवार को राफेल विमान लैंड हुए, जहां उनका स्वागत वॉटर सैल्यूट के साथ किया गया। इस बीच भारतीय वायुसेना के पूर्व प्रमुख बीएस धनोआ ने राफेल लड़ाकू विमानों के भारत की धरती पर उतरने का स्वागत किया। साथ ही उन्होंने एक बड़ा बयान भी दिया है।

Rafale Jet
उन्होंने ने कहा कि राजनीतिक विवाद के बावजूद इसके खरीद के सौदे का बचाव इसलिए किया था कि वह नहीं चाहते थे कि इसका हाल भी बोफोर्स जैसा हो जाए। 1980 के दशक में बोफोर्स तोप खरीदने के लिए कथित रूप से रिश्वत दी गई थी और इसके बाद राजनीतिक असर के चलते रक्षा खरीद पर काफी प्रभाव पड़ा और नौकरशाह सैन्य खरीद पर निर्णय लेते हुए आशंकित रहते थे।

बता दें कि मोदी सरकार ने 23 सितंबर, 2016 को फ्रांस की एयरोस्पेस कंपनी दसाल्ट एविएशन के साथ 36 लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 59,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इसके करीब चार साल बाद भारत को बुधवार को पांच राफेल लड़ाकू विमान मिले।

Rafale Jet

धनोआ ने कहा, “मैंने सौदे का बचाव इसलिए किया था कि मैं नहीं चाहता था कि यह बोफोर्स के रास्ते पर जाए। हम रक्षा खरीद प्रक्रिया के राजनीतिकरण के खिलाफ थे। यह वायुसेना की क्षमता सवाल था।”

Air Chief Marshal BS Dhanoa

धनोआ ने कहा, “मैं भारतीय वायुसेना के लिए काफी खुश हूं, क्योंकि राफेल वायु सेना को हमारे विरोधियों पर जबर्दस्त बढ़त दी है।” आपको बता दें कि धनोआ के बाद पिछले साल सितंबर में वायुसेना की कमान राकेश कुमार सिंह भदौरिया ने संभाली है।