
नई दिल्ली। झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने आज, 28 अगस्त, को झारखंड मुक्ति मोर्चा और राज्य कैबिनेट से इस्तीफा देने का ऐलान किया है। उन्होंने घोषणा की कि वह 30 अगस्त को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे। रांची में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, “हमने जो भी निर्णय लिया है, वह झारखंड के हित में लिया है। आगे की रणनीति के बारे में हम जल्द ही बताएंगे। हम संघर्ष से निकले हुए लोग हैं और किसी भी परिस्थिति से घबराते नहीं हैं।”
पिछले महीने, जब चंपाई सोरेन झारखंड के तीन दिवसीय दौरे पर आए थे, तो ऐसी अटकलें थीं कि वह जेएमएम के कुछ विधायकों के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। हालांकि, तब उन्होंने इन अटकलों को खारिज करते हुए कहा था कि वह निजी काम से दिल्ली गए थे। इसके बावजूद, कुछ दिनों बाद सोशल मीडिया पर अमित शाह के साथ उनकी एक फोटो वायरल हुई, और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पुष्टि की कि चंपाई सोरेन बीजेपी ज्वाइन कर रहे हैं।
BJP में जाने के ऐलान के बाद रॉंची लौटे पूर्व CM चंपाई सोरेन।
कहा, आज ही देंगे इस्तीफा…. pic.twitter.com/Jk7mx2UBlE
— News18 Bihar (@News18Bihar) August 28, 2024
हेमंत सोरेन के जेल जाने पर बने थे मुख्यमंत्री
झारखंड की राजनीति में इस साल जनवरी से लेकर अब तक कई बड़े बदलाव हुए हैं। 31 जनवरी को ईडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को गिरफ्तार किया था, जिसके बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी और उन्होंने 2 फरवरी को सीएम पद की शपथ ली थी।
हेमंत की रिहाई के बाद देना पड़ा था इस्तीफा
जून के महीने में हेमंत सोरेन को झारखंड हाई कोर्ट से मनी लॉन्ड्रिंग मामले में जमानत मिल गई और 28 जून को उन्हें जेल से रिहा कर दिया गया। इसके बाद चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा, और 4 जून को हेमंत सोरेन ने फिर से मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
रांची: पूर्व सीएम चंपई सोरेन ने जेएमएम से इस्तीफा देने पर कहा, “मैंने जो भी फैसले लिए हैं, वे झारखंड के हित में हैं…” pic.twitter.com/FP4JsdfSph
— IANS Hindi (@IANSKhabar) August 28, 2024
पांच महीने के कार्यकाल के बाद नाराजगी
चंपाई सोरेन ने पांच महीने तक झारखंड के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। बाद में, उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की और आरोप लगाया कि उनके साथ अन्याय किया गया है। उनका मानना है कि उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें अपमानित किया गया है। झारखंड की राजनीति में चंपाई सोरेन का यह कदम एक महत्वपूर्ण मोड़ हो सकता है, खासकर जब वह राज्य में बीजेपी की स्थिति को मजबूत करने जा रहे हैं।