newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Balasore Train Accident: पहले ग्रीन और फिर अचानक रेड सिग्नल! न्यूज चैनल पर पूर्व रेल अधिकारी का बालासोर ट्रेन हादसे पर खुलासा

आपको बताते हैं कि डेटा लॉगर आखिर होता क्या है? डेटा लॉगर सेंसर के जरिए काम करता है। इससे पता चलता है कि किस ट्रेन को किस लाइन से किस वक्त गुजारा गया। कौन सी ट्रेन किस लाइन पर है ये भी पटरी पर लगे सेंसर से डेटा लॉगर में दर्ज हो जाता है। यानी ट्रेन के बारे में हर तरह की रियल टाइम जानकारी इस डेटा लॉगर में दर्ज होती है।

नई दिल्ली। 2 जून 2023 की शाम 6.55 बजे ओडिशा के बालासोर जिले में भीषण ट्रेन हादसा हुआ था। बहानागा बाजार स्टेशन पर 128 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कोलकाता के शालीमार स्टेशन से चेन्नई जा रही कोरोमंडल एक्सप्रेस मेन लाइन की जगह लूप लाइन पर चली गई थी। लूप लाइन पर खड़ी मालगाड़ी से कोरोमंडल एक्सप्रेस की जोरदार टक्कर हुई थी। इस टक्कर से कोरोमंडल एक्सप्रेस के कोच पटरी से उतर गए थे। हादसे में 288 यात्रियों की जान गई और 1000 के करीब घायल हुए। अब न्यूज चैनल आजतक ने रेलवे बोर्ड के सिग्नलिंग और टेलीकॉम के पूर्व महानिदेशक अखिल अग्रवाल के हवाले से नया खुलासा किया है।

न्यूज चैनल से अखिल अग्रवाल ने कहा कि बहानागा स्टेशन का डेटा लॉगर बताता है कि पहले कोरोमंडल एक्सप्रेस को अप मेन लाइन का ग्रीन सिग्नल दिया गया। वहीं, डाउन मेन लाइन पर पहले से ही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के लिए यलो और ग्रीन सिग्नल था। कोरोमंडल एक्सप्रेस जब पहुंची, तो अचानक अप मेन लाइन और लूप लाइन का सिग्नल रेड हो गया। अखिल अग्रवाल ने डेटा लॉगर देखकर बताया कि कोरोमंडल एक्सप्रेस को इससे पहले होम और आउटर सिग्नल ग्रीन मिला हुआ था। ये वक्त डेटा लॉगर पर शाम 6.55 का दिखा रहा है। रेलवे बोर्ड ने पूरे हादसे की जांच सीबीआई को दी है। अब सीबीआई जांच कर रही है कि अचानक सिग्नल में बदलाव कैसे हुआ, ट्रैक कैसे मेन से लूप लाइन पर चेंज हो गया।

train control room
ऐसे ही ट्रेन कंट्रोल रूम में डेटा लॉगर भी रहता है।

अब आपको बताते हैं कि डेटा लॉगर आखिर होता क्या है? डेटा लॉगर सेंसर के जरिए काम करता है। इससे पता चलता है कि किस ट्रेन को किस लाइन से किस वक्त गुजारा गया। कौन सी ट्रेन किस लाइन पर है ये भी पटरी पर लगे सेंसर से डेटा लॉगर में दर्ज हो जाता है। यानी ट्रेन के बारे में हर तरह की रियल टाइम जानकारी इस डेटा लॉगर में दर्ज होती है। ठीक उसी तरह, जैसे किसी विमान का ब्लैक बॉक्स काम करता है।