
नई दिल्ली। रेल मंत्रालय ने बुधवार को तत्काल टिकट बुकिंग के मामले में बड़ा फैसला लिया है। रेल मंत्रालय ने बताया है कि 1 जुलाई 2025 से तत्काल टिकट की बुकिंग बिना आधार वेरिफिकेशन वाले आईडी के नहीं होगी। यानी ऑनलाइन तत्काल टिकट वे ही कर सकेंगे, जिनका आईआरसीटीसी यूजर आईडी आधार से वेरिफाइड होगा। वेरिफिकेशन से ही यात्री का तत्काल टिकट बनेगा। तत्काल टिकट में हो रहे गड़बड़झाले को रोकने के लिए रेल मंत्रालय ने ये कदम उठाया है। बीते दिनों ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने एक्स पर पोस्ट के जरिए इसकी जानकारी दी थी।
कुछ वक्त पहले ही आईआरसीटीसी ने ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया था, जो बुकिंग सॉफ्टवेयर में बॉट वगैरा के जरिए घुसपैठ कर यात्री का तत्काल टिकट तुरंत बना लेता था। जबकि, आम लोगों को तत्काल टिकट का रिजर्वेशन कराने में नाको चने चबाने पड़ते थे। सुबह 10 बजे तत्काल टिकट की बुकिंग शुरू होने के कुछ मिनट में ही सभी टिकट बन जाते थे और जरूरतमंदों को टिकट नहीं मिल पाता था। इसकी शिकायत लगातार रेल मंत्रालय और आईआरसीटीसी से यात्री कर रहे थे। जिसके बाद गहन जांच की गई और तत्काल टिकट बनाने में लगे गिरोह का पर्दाफाश किया गया। जांच में खुलासा होने पर आईआरसीटीसी ने तमाम यूजर आईडी भी ब्लॉक किए हैं।
आईआरसीटीसी के देशभर में 13 करोड़ से ज्यादा यूजर हैं, लेकिन इनमें से सिर्फ 10 फीसदी ने ही अपने लॉगइन आईडी में आधार वेरिफिकेशन करा रखा है। अब 1 जुलाई से तत्काल टिकट खरीदने के लिए यात्री के बारे में जानकारी दर्ज करने के बाद ऑनलाइन ऑधार वेरिफिकेशन के लिए ओटीपी आएगा। जिसे सिस्टम में डालने के बाद ही तत्काल टिकट बन सकेगा। बिना आधार वेरिफिकेशन वाली आईडी से यात्री का तत्काल टिकट सिस्टम नहीं बनाएगा। रेल मंत्रालय का कहना है कि इससे जरूरतमंद यात्रियों को आसानी से तत्काल टिकट मिल सकेगा। इसके अलावा ये नियम लागू होने के बाद जिन यूजर ने आधार वेरिफिकेशन नहीं कराया है, वे भी तत्काल टिकट करने के लिए आधार वेरिफिकेशन कराने को मजबूर होंगे।