नई दिल्ली। झीलों की नगरी से देश भर में ख्याति प्राप्त राजस्थान के उदयपुर जिले में कांग्रेस का तीन दिवसीय चिंतन शिविर (नव संकल्प शिविर) आज से शुरू हो रहा है जिसमें देश के कोने कोने से कांग्रेस के सभी दिग्गज नेता शिरकत करेंगे। कांग्रेस इस संतान शिविर में अगले डेढ़-दो साल में होने विधानसभा व लोकसभा चुनावों के मद्देनजर अपनी आगामी रणनीति को लेकर मंथन करेगी। इस शिविर में कांग्रेस के लगभग 430 नेता व पदाधिकारी देशभर से उदयपुर पहुंचे हैं। लेकिन इन सब के बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की उपस्थिति आज चर्चा का विषय बनी हुई है। कोरोना की चौथी लहर ने धीरे-धीरे अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है और राजस्थान में भी अब कोरोना के मरीज सामने आ रहे है। लोगों से मास्क और कोरोना दिशा-निर्देश को पालन करने की अपेक्षा की जा रही है।
लेकिन राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत खुद कोरोना गाइड लाइन की धज्जियां उड़ाते नजर आए साथ ही कांग्रेस के पदाधिकारियों एवं आम जनता के लिए भी खतरा बन सकते है। अशोक गहलोत राहुल गांधी के साथ बस में बैठकर जा रहे है। जिसमें अशोक गहलोत ने मास्क को हाथ में ले रखा है लेकिन राहुल गांधी ने मास्क लगा रखा है। इससे पहले दो दिन पहले ही अशोक गहलोत की कांग्रेस के AEN की 22 जगह से हडि्डया तोड़ने के फरार चल रहे आरोपी कांग्रेस विधायक गिर्राज मलिंगा से मुलाकात हुई थी और सीएम से मुलाकात के बाद ही मलिंगा ने पुलिस को आत्मसमर्पण किया था। आत्मसमर्पण के बाद ही आरोपी विधायक के कोरोना पॉजिटिव आने की सूचना मिली थी।
विधायक मलिंगा बुधवार को सरेंडर करने से पहले मुख्यमंत्री आवास गए थे तथा वहां मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कई मंत्रियों और विधायकों के संपर्क में आए। इसके बाद पुलिस कमिश्नर उन्हें और मंत्री राजेंद्र गुढ़ा को लेकर कमिश्नर कार्यालय पहुंचे। करीब 1 घंटे तक मलिंगा कमिश्नर कार्यालय में अधिकारियों के बीच में रहे फिर मलिंगा को पांच पुलिसकर्मी एक गाड़ी में बैठा के धौलपुर ले गए । ऐसे में सभी लोगों का कोरोना होम आइसोलेशन रहना जरूरी था। लेकिन सीएम अशोक गहलोत के होम आइसोलेशन के बजाय चिंतन शिविर में पहुंचने से कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ती प्रतीत हो रही है।
अब देखना है नियम बनाने वाले भूल में सुधार करते हुए, क्या खुद नियम की पालना करेंगे या फिर नियम तोड़कर, जनता को ही तमाम बनाये हुए नियम की पालना करने के लिए बाध्य करेंगे।