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BBC Documentary: बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री का गुणगान करने वालों पर भड़के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद, कहा- SC पर भरोसा नहीं…

BBC Documentary: अगर इस पूरे मसले को लेकर राजनीतिक ऐनक से देखें, तो जहां दक्षिणपंथी गुटों के नेता उक्त डॉक्यूमेंट्री की जोरदार मुखालफत कर रहे हैं, तो वहीं वामपंथी दलों के नेता से डॉक्यूमेंट्री के प्रतिबंधित किए जाने के कदम को अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात बता रहे हैं।

नई दिल्ली। बीबीसी द्वारा गुजरात दंगों पर बनाई गई डॉक्यूमेंट्री को लेकर राजनीतिक गलियारों में जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। सरकार द्वारा प्रतिबंधित किए जाने के बावजूद भी लिबरल गैंग इसे देखने पर उतारू हैं। जेएनयू से लेकर जामिया तक इसकी स्क्रीनिंग का ऐलान किए जाने के बाद स्थिति हिंसात्मक होने की संभावना को ध्यान में रखते हुए भारी संख्या में पुलिस बलों की तैनाती कर दी गई है। बता दें कि बीते बुधवार को जेएनयू में वामपंथी छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री की स्कीनिंग की योजना बनाई थी, लेकिन कथित तौर पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से बिजली काट दी गई, जिसके बाद छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री को लेपटॉप पर देखने की कोशिश की, तो इंटरनेट सेवा बाधित कर दी गई।

छात्रों का आरोप है कि उनके ऊपर पथराव भी किया गया, जिसके बाद उन्होंने विरोध में पैदल मार्च निकाला। उधर, जेएनयू के बाद अब जामिया में भी डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया जा चुका है, जिसके बाद सुरक्षात्मक मोर्चे पर स्थिति संवेदनशील हो चुकी है। हालांकि, भारी संख्या में विश्वविद्यालय परिसर के पास भारी पुलिस बलों की तैनाती की गई है, ताकि हर प्रकार की गतिविधियों पर नजर बनाई जा सकें। वहीं, पुलिस ने कैंपस के पास चार छात्रों को हिरासत में लिया है। हालांकि, विश्वविद्यालय का कोई भी छात्र मामले पर मीडिया के समक्ष अपनी राय जाहिर करने से गुरेज ही कर रहा है। बता दें कि जामिया ने शाम 6 बजे डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग का ऐलान किया है। बहरहाल, अब आगे क्या कदम उठाए जाते हैं। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।

उधर, अगर इस पूरे मसले को राजनीतिक ऐनक से देखें, तो जहां दक्षिणपंथी गुटों के नेता उक्त डॉक्यूमेंट्री की जोरदार मुखालफत कर रहे हैं, तो वहीं वामपंथी दलों के नेता से डॉक्यूमेंट्री के प्रतिबंधित किए जाने के कदम को अभिव्यक्ति की आजादी पर कुठाराघात बता रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीबीसी ने इस डॉक्यूमेंट्री के जरिए गुजरात दंगे में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से मामले में क्लीनचिट पा चुके तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की छवि को धूमिल करने का प्रयास किया गया है, जिसे देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यही नहीं, ब्रिटिश सांसद ने भी बीबीसी के इस कदम की निंदा की थी, लेकिन भारत में कुछ लोगों को बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री की पैरोकारी करने वाली बात गले नहीं उतर रही है।

वही, उक्त डॉक्यूमेंट्री की पैरोकारी करने वाले लोगों को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कड़ी फटकार लगाई है। उन्होंने मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में कहा कि यह निदंनीय है कि कुछ लोगों को सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर भरोसा नहीं है, बल्कि उस देश पर भरोसा है, जिसने हमारे पर ऊपर 200 सालों से अधिक तक राज किया। उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर इस डॉक्यूमेंट्री को ऐसे वक्त में ही क्यों रिलीज किया जा रहा है, जब भारत ने हाल ही में जी-20 की कमान संभाली है। इतने सारे न्यायिक फैसले, जिनमें इस जमीन की शीर्ष अदालत का फैसला भी शामिल है, (डॉक्यूमेंट्री के) समय, इन सभी चीजों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। यह एक ऐसा समय है जब भारत ने जी20 की अध्यक्षता ग्रहण की है।’’ उन्होंने आगे कहा कि आखिर क्यों एक विशेष समाग्री को प्रस्तुत करने के लिए आखिर क्यों यह विशेष समय ही चुना गया।